प्रसूता की मौत को लेकर ललितपुर में आक्रोश प्राचार्य सहित चिकित्सको पर कार्रवाई की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन

ललितपुर में एक मार्च को हुई प्रसूता की मौत के मामले में ललितपुर में लोगी में आक्रोश पनप रहा है दोषी चिकित्सको पर कार्रवाई की मांग को लेकर समाजिक व राजनीतिक संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है । मंगलवार को अधिवक्ता संवाद के नेतृत्व में अनेक अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए मेडिकल कालेज के प्राचार्य सहित दोषी चिकित्सको पर कार्रवाई व मामले की जांच हाईकोर्ट के न्यायाधीश से कराए जाने की मांग
को लेकर प्रदेश के राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा ।
सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि मेडिकल कॉलेज ललितपुर में चिकित्सकों द्वारा उपचार न करना व कर्मचारियों द्वारा अनैतिक धन की मांग के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे है लेकिन शासन व प्रशासन द्वारा कार्यवाही मात्र दस्तावेज तक ही सीमित रह जाती है जिन्हें उक्त क्रम में दर्शाया गया ।
उंन्होने बताया कि 19 फरवरी को मेडिकल कॉलेज स्थित रक्त कोष के पास 5,000 रूपये में ग्रुप का रक्त उपलब्ध कराने का मामला प्रकाश में आया था जिस पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने जाँच करने के निर्देश दिये जिसके पश्चात् प्राचार्य ने 4 सदस्यीय टीम गठित कर 8 दिन में जॉच पूर्ण करने के निर्देश दिये, मामले की जाँच हुयी जिसके बाद मामला ठण्डे वस्ते में चला गया। जबकि रक्त का व्यापार एक गम्भीर मामला था।
23.02.2024 को जिला महिला अस्पताल के एस.एन.सी.यू. में भर्ती एक नवजात की देखरेख व डायपर देने की एबज में 500 रूपये की मांग की गयी थी जिसमें कुछ पैसे देने का वीडियो वायरल हुआ था, मामले में जॉच बैठी इसके बाद कार्यवाही के स्थान पर राजीनामा की स्थिति बन गयी। जबकि भारत वर्ष का संविधान नवजात शिशु की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।. दिनांक 28.02.2024 को जनपद ललितपुर के ग्राम खड़ोवरा निवासी एक युवक ने 3,000 रूपये में एक यूनिट रक्त खरीदा था व दूसरी बार खून देने पर भी अधिक रूपये लेने की शिकायत की, अस्पताल प्रशासन ने कमेटी बनाकर जाँच की व परिणाम शून्य रहा। जबकि यह अत्यंत गम्भीर प्रकृति का मामला था। 16.04.2024 को ललितपुर निवासी एक व्यक्ति ने अपनी बहु के प्रसव हेतु अस्पताल में भर्ती कराया जहां पर प्रसव के नाम पर 5500 रूपये की गयी जब तीमारदार ने रूपये लेने का कारण जाना तब विवाद की स्थिति बन गयी और विवाद का वीडियो वायरल होने के पश्चात् सामाजिक संगठन की शिकायत पर जाँच शुरू हुयी, बाद में उक्त मामला भी जाँच अधिकारियों ने इति श्री करते हुये मामला ठण्डे वस्ते में पहुंचा दिया।. 28.02.2025 को ग्राम बरखिरिया निवासी सुशीला कुशवाहा ने महिला आयोग की सदस्या से बहु के प्रसव के नाम पर 6,000 रूपये लेने की शिकायत की थी जिस पर जॉच टीम बनायी गयी व सम्बन्धित अधिकारी उक्त प्रकरण को भी ठण्डे वस्ते में भेजने का प्रयास कर रहे है। वर्तमान में 01.03.2025 को प्रसूता की मौत होने व जिला महिला चिकित्सालय ललितपुर के चिकित्सकों पर लापरवाही के आरोप लगने के पश्चात् भी कार्यवाही में शिथिलता जॉच अधिकारियों की लापरवाही प्रदर्शित करती है। उंन्होने मांग की प्रकरणों में मेडिकल कॉलेज में तैनात प्राचार्य की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत होती है, लगातार लापरवाही व अनैतिकता का माहौल मेडिकल कॉलेज व महिला चिकित्सालय में बना हुआ है जिस कारण समस्त प्रकरणों की जाँच माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज के पदस्थ न्यायाधीश से कराई जाए ।
प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ता हरदयाल लोधी , पुष्पेंद्र सिंह चौहान , शशिकांत सिंह ,शिशुपाल सिंह , अंशुल पाठक सहित अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे ।