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लकवाग्रस्त मरीज के हाथ में फूंक दी नयी जान, अब फिर से अपना काम खुद कर पाएगा निशांत

ललितपुर। दुर्घटना में अपने दायें हाथ की हरकतें गंवा चुके एक युवक के हाथ में दोबारा जान फूंक दी गयी है। यह विशेषज्ञता जो पहले अति समृद्ध देशों में थी वह अब ललितपुर जैसे छोटे शहर में भी उपलब्ध हो गयी है। अस्थि रोग सर्जन डा.आकाश खैरा इस अविश्वसनीय सर्जरी को करने वाले हीरो के रूप में सामने आये हैं। ललितपुर के इमलिया का निवासी 20 वर्षीय निशान्त पुत्र हरगोविन्द प्रजापति एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। तब से गहरी चोट के कारण उसका दायां हाथ लगवाग्रस्त हो गया था और उस हाथ में हरकतें नहीं हो पा रही थीं। उसने कई चिकित्सकों को कई शहरों में दिखाया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। आखिरकार गवालियर से निराश होकर लौटते समय किसी ने उसे अस्थिरोग सर्जन डा.आकाश खैरा के पास ललितपुर में जाने की सलाह दी। जब वह डा.आकाश खैरा से मिला तो उसे एक आशा की नयी किरण दिखाई दी। डा. खैरा ने बताया कि कैसे उसके मृतप्राय: हाथ में नयी जान आ सकती है। फिर पूरी तैयारी के साथे मरीज का ऑपरेशन झाँसी के गंगा अस्पताल में किया गया। इसमें डा.आकाश खैरा के साथ प्लास्टिक एण्ड कॉस्मेटिक सर्जन डा.आकाश जैन, डा.सुरेन्द्र और न्यूरो सर्जन डा.दिनेश शुक्ला ने सहयोग किया। निश्चतना विशेषज्ञ डा.आयुषी जैन रहीं। आखिरकार ऑपरेशन के दौरान मरीज के पैर में से एक अतिरिक्त नर्व निकाल कर मरीज के बीमार हाथ में प्लाण्ट कर दी गयी। फिर गर्दन की जिन्दा नर्व से उसे तरंगित किया गया। जिससे वह नयी लगायी नर्व यानी नस में दिमाग से ऊर्जा का संचार होने लगा और वह काम करने लगी। मरीज के मृतप्राय: हाथ में फिर से नयी जान आ गयी। फिर डा.खैरा ने कलाई का ऑपरेशन कर मरीज के हाथ को इस पोजीशन में ला दिया कि वह अपने रोजमर्रा के काम कर सके। अब उसका प्लास्टर कुछ हफ्ते में कटेगा। तब धीरे धीरे वह अपने रोजमर्रा के काम पर वापिस आ सकेगा। उम्मीद है कि वह मोटरसाईकिल चलाने समेत अन्य कार्य भी कर सकेगा। मरीज के परिजनों ने इस सफल ऑपरेशन पर चिकित्सकों को साधुवाद दिया है।
छोड़ दी थी उम्मीद
मरीज निशान्त ने बताया कि उसे उम्मीद ही नहीं थी कि वह कभी अपने इस हाथ से काम कर सकेगा। परन्तु अब उसे नया जीवन मिल गया है।
इनका कहना है-
इस बीमारी का नाम चिकित्सकीय भाषा में ‘बे्रकियल प्लीक्सस इंजरीÓ है जो दुर्लभ बीमारी है और इसके लिये की गयी सर्जरी का नाम ‘नर्व ट्रान्सफर विद रिस्ट ऑथ्र्रोडेसिसÓ है। यह सर्जरी झाँसी मंडल में पहली बार की गयी है जो 6 घंटे में सम्पन्न हुयी है।
डा.आकाश खैरा अस्थिरोग सर्जन ललितपुर।

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