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श्रीलक्ष्मी नृसिंह मन्दिर का इतिहास है गौरवशाली: मलूक पीठाधीश्वर

मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिये वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ भूमि पूजन

ललितपुर। शहर के मोहल्ला तालाबपुरा स्थित श्रीलक्ष्मी नृसिंह मन्दिर पर मलूक पीठाधीश्वर डॉ. राजेन्द्र दास महाराज देवाचार्य द्वारा शनिवार को मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिये भूमि पूजन वैदिक विधि विधान के साथ सम्पन्न हुआ। भूमि पूजन के कार्यक्रम के पूर्व हवन, शिला पूजन कार्यक्रम मलूक पीठाधीश्वर देवाचार्य द्वारा किया गया। जिसमें नींव के अन्दर शिलायें वृन्दावन से आये पं. विष्णुकांत शास्त्री द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ स्थापित की गयीं।


इस मौके पर मलूक पीठाधीश्वर डॉ. राजेन्द्र दास महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुये कहा कि श्रीलक्ष्मी नृसिंह मन्दिर का इतिहास गौरवशाली है। इस पीठ के प्रथम आचार्य गोदाल दास महाराज रहे, उनकी कृपा से बानपुर स्टेट की महारानी ललिता देवी की कुष्ठ रोग की पीडा दूर हुयी थी। बानपुर नरेश राजा सुमेर सिंह व महारानी ललिता देवी ने गोपाल दास महाराज से दीक्षा ली थी एवं सुम्मेरा तालाब का निर्माण कराया था। उनकी रानी के नाम से ही नगर का नाम ललितपुर रखा गया था। इसी परंपरा में महंत कुंज बिहारी दास, महंत श्याम दास, महंत बालकृष्ण दास महाराज द्वारा इस पीठ के आचार्य रहे। प्रभू कृपा से इस मन्दिर का जीर्णोद्धार का कार्य पूरे विधि-विधान से प्रारंभ हो रहा है। मन्दिर निर्माण में सहयोग सत् कर्म है। सभी को अपनी सामथ्र्य अनुसार दान करना चाहिये। उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि सम्पूर्ण सनातन समाज संगठित हो, जैन, बौद्ध, सिख सभी इसी परंपरा के अभिन्न अंग है। सबको एक साथ होना चाहिये।
कार्यक्रम में किशोर देव महाराज, रामबालक दास महाराज साढूमल, महंत गंगादास महाराज, ओमप्रकाश शास्त्री, पवन शास्त्री, कमलेश शास्त्री, राज्यमन्त्री मनोहर लाल पंथ, सदर विधायक रामरतन कुशवाहा, अनुराधा शर्मा, रमेश लोधी, प्रदीप चौबे, सुभाष जायसवाल, आदित्यनारायण बवेले, रामेश्वर सडैया, बीके सरदार, अजय तिवारी नीलू, शशि राजा, हरिश्चन्द्र रावत, अशोक गोस्वामी, भगवत नारायण वाजपेयी, बालकृष्ण नायक, रमेश रावत, गोविंद रावत, कमलापत रिछारिया, विलाश पटैरिया, सुधांशू शेखर हुण्डैत, रमेश पाठक, राजीव कुमार बवेले, गिरीश पाठक, धर्मेन्द्र रावत, विवेक सडैया, ह्रदेश हुण्डैत, हरीशंकर साहू, राजेन्द्र वाजपेयी, निखिल तिवारी, बब्बू राजा बुंदेला, अशोक रावत, महेश श्रीवास्तव, रमेश श्रीवास्तव, मनीष अग्रवाल, वीरेन्द्र पुरोहित, संजय ड्योडिया, डॉ. दीपक चौबे, राव राजा, देवेन्द्र चतुर्वेदी, विष्णु अग्रवाल, नरेश शेखावत, बृजेश चतुर्वेदी, शरद खैरा, संतोष चौबे, सुबोध गोस्वामी, मनोज चतुर्वेदी टेडे महाराज, नरेश विदुआ, प्रभाकर शर्मा, दिवाकर शर्मा, ओमप्रकाश रिछारिया, नवल किशोर सोनी, भरत रिछारिया, हरीबाबू शर्मा, पंकज हुण्डैत, शशिकांत दीक्षित, बृजेन्द्र रावत, श्रीकांत करौलिया, श्रीकांत कुशवाहा, कौस्तुभ चौबे, माधव चौबे, राजू यादव, मदन पुरोहित, अनिल संज्ञा, अरविंद संज्ञा, डॉ. विक्रांत तोमर, संग्राम चौबे, विनीत चतुर्वेदी, विजय जैन कल्लू, अजित जैन भारती, अमित सोनी, दिनेश शर्मा, सर्वदेव तिवारी, अभय श्रीमाली, सुनील सैनी, बृजेश पंथ, संजय अवस्थी, कृष्ण बिहारी उपाध्याय, संजय ताम्रकार, अमित संज्ञा, अजय तोमर, शुभम पस्तोर खडेरा, शिब्बू राठौर, अशोक गोस्वामी, संजू श्रोतीय, अमित पाण्डेय, सुरेन्द्र पाल रिंकू, राममूर्ति तिवारी, श्याम दीक्षित, कृष्णकांत सोनी, आशीष तिवारी, मनीष पाठक, दिव्यांश शर्मा, प्रदीप रिछारिया, नागेन्द्र रावत, आलोक चतुर्वेदी, संजना सिंह, आकाश ताम्रकार, मनीष जैन फोटो, कपिल नायक, निहाल सेन, चन्दे साहू, मुकेश गुप्ता, प्रशान्त शुक्ला, शुभम कौशिक, आलोक चतुर्वेदी, मानू शर्मा, नीरज शर्मा, जितेन्द्र राठौर, दीपक राठौर, राहुल चौबे, राजू झां, नितिन झां आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।

गर्भ गृह में स्थापित प्रतिमाओं को अस्थायी मन्दिर में रखा गया


श्रीलक्ष्मी नृसिंह मन्दिर के गर्भ गृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं को महंतों द्वारा विधि विधान के साथ गर्भ गृह से बाहर निकालकर मन्दिर परिसर में बनाये गये अस्थायी मन्दिर में स्थापित कर पूजन-अर्चन कर आरती की गयी। तत्पश्चता भण्डारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

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