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सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इमरजेंसी में चपरासी और वार्ड ब्याय करते है उपचार डॉक्टर रहते नदारत

 

तालबेहट। सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे करें मगर जिम्मेदारों की लापरवाही से लोगों को आपात स्थिति में भी समुचित उपचार नहीं मिल रहा। इमरजेंसी के दौरान अकसर डॉक्टर नदारद रहते है और वार्ड ब्याय सरीखे कर्मचारी इमरजेंसी में गंभीर मरीजों का उपचार करते है। अभी कुछ दिनों पूर्व डॉक्टर अभिषेक नामदेव पर बच्चों का गलत उपचार करने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने जमकर बवाल किया था जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, मरीजों द्वारा बताया जाता है इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अभिषेक नामदेव द्वारा अधिकांश कर पान मसाला खाये रहते हैं। और कई मरीजो से अभद्रता करते नजर आते हैं।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की ओपीडी के समाप्त होने के बाद इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक अकसर गर्मी के चलते एसी रूम में आराम फरमाने चले जाते है। उस समय दुर्घटनाओं, घटनाओं के दौरान गंभीर रूप से घायल मरीजों का उपचार भगवान भरोसे होता है। अकसर इन गंभीर मरीजों का फार्मसिस्ट और वार्ड ब्याय तक उपचार करते है । जब कोई बड़ी घटना हो जाती है तब चला प्रशासन जाता है उसके बाद कुंभकरणी नींद में सो जाता है।ऐसे लापरवाह डॉक्टर पर क्या कार्रवाई करेगा जिला प्रशासन। इमरजेंसी के दौरान मरीजों को मामूली उपचार कर अकसर रेफर कर दिया जाता है।

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