उत्तर प्रदेशराजनीतिराज्य

जिलाधिकारी ने जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने को दोहराई प्रतिबद्धता

बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी क्षेत्र के प्रबुद्धजन, ग्राम प्रधान और धर्मगुरु आगे बढ़ें : डीएम
सभी अपने गांव को बाल विवाह मुक्त बनाकर इस सामाजिक बुराई को जड़ से मिटाएं
बाल विवाह संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध है
बाल विवाह कराने में संलिप्तों पर अब बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत होगी एफआईआर
बाल विवाह होनेे की जानकारी हेल्प लाईन नं0 112, 1098 व सीयूजी नम्बर 7991768911 पर दें
ललितपुर। जिस देश की महिलाशक्ति जितनी सशक्त होती है वह देश भी उतना ही सशक्त होता है, वर्तमान सरकार के नेतृत्व में देश व प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु अनेकों योजनाएं संचालित हैं, जिनके माध्यम से महिलाओं एवं बालिकाओं को उनका अधिकारों का बोध कराते हुए उन्हें विकास की मुख्य धारा का हिस्सा बनाया जा रहा है। वहीं जिला बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई का दंश झेल रहा है, जिसके उन्मूलन के लिए अब जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी उद्देश्य के साथ जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी द्वारा यूनीसेफ का सहयोग लेते हुए जिले को बाल विवाह से मुक्त कराने के लिए प्रत्येक विभाग को तैयार कर तथा उसमें अपने विभाग की बाल विवाह रोकने की भूिमका का निर्वहन करने के लिए कार्यशाला का आयोजन कराया गया। डीएम ने जिले की पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिये कि अपने निवास स्थान या फिर छिपकर दूसरे स्थान पर बाल विवाह कराने वाले ऐसे अभिभावक, माता-पिता व प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से संरक्षण देने वाले रिस्तेदार, विचौलिया, पंच, मुखिया के विरुद्ध सम्बंधित थानों में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराकर दोषी पाये जाने वालों पर 2 वर्ष का कठोर कारावास व 1 लाख रुपए का जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने जनपद को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और बैठक में सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों को ललितपुर बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए सकंल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी क्षेत्र के प्रबुद्धजन, ग्राम प्रधान और धर्मगुरुओं की भी है, वे आगे आकर इस जिम्मेदारी को निभाएं। सभी अपने गांव को बाल विवाह मुक्त बनाकर इस सामाजिक बुराई को जड़ से मिटाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें। बाल विवाह संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध है, इसमें संलिप्त होने वाले प्रत्येक व्यक्ति के विरुद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत एफआईआर होगी। उन्होंने जनपदवासियों से अपील की कि बाल विवाह होनेे की जानकारी हेल्प लाईन नं0 112, 1098 व सीयूजी नं. 7991768911 पर दें, ताकि जिला प्रशासन द्वारा कठोर कार्यवाही की जा सके। कार्यशाला के दौरान यूनिसेफ के राज्य समन्वयक सोशल विहेवियर चैंज एक्सपर्ट दयाशंकर सिंह ने बाल विवाह रोकथाम, प्रचार-प्रसार एवं कार्ययोजना में तकनीकी सहयोग देने में अपना पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिलाया। कार्यशाला में किशोरी सशक्तिकरण व बाल विवाह से सम्बंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित किया गया। इस दौरान एडीएम अंकुर श्रीवास्तव, एएसपी कालू सिंह, सीएमओ डा.इम्तियाज अहमद, प्रोबेशन अधिकारी नन्दलाल सिंह, डीपीओ, डीआईओ, यूनिसेफ दयाशंकर सिंह, परीक्षित सेठ व पल्लवी राय उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *