35 बर्ष पहले मर चुका आदमी पहुंचा रजिस्ट्रार ऑफिस 7 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री कर हुआ लापता

यूपी के ललितपुर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है,जहां 35 बर्ष पहले मर चुका एक आदमी अपनी 7 एकड़ कृषि भूमि 21 लाख रुपए में बेचकर फिर गायब हो गया,मरचुके आदमी द्वारा रजिस्ट्री करने की खबर जब ग्रामीणों को पता चली तो वह भी हैरान रह गए कि आखिर वह कौन था जिसने 35 बर्ष पहले मरचुके आदमी का रूप लेकर जमीन बेची और उसके बदले मिले 21 लाख रुपए लेकर लापता हो गया है।
ये पूरा मामला तहसील महरौनी अंतर्गत केलगुंवा गांव का है,जहां भूमाफियाओं और रजिस्ट्रार कार्यालय के दलालों द्वारा 35 बर्ष पहले मर चुके एक आदमी बिज्जा चढ़ार के नाम का फर्जी पहचान पत्र और मृतक के रूप में फर्जी जमीन मालिक बिज्जा बनकर 7 एकड़ जमीन की खरीद फरोख्त का फर्जी बाड़ा किया है। मृतक के पुत्र रामलाल ने अधिकारियों से मांग की है कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो और उनकी जमीन उन्हें बापिस दिलाई जाए।
केलगुआ गांव के ग्राम प्रधान नंदलाल अहिरवार और स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में कुछ भू माफिया सक्रिय है जो फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों की जमीनों की खरीद फरोख्त कर फर्जीवाड़ा कर रहे है, गांव के ही रहने वाले बिज्जा चढ़ार की मौत 35 बर्ष पहले हो चुकी थी,जिसके फर्जी दस्तावेज और फर्जी जमीन मालिक बनाकर रजिस्ट्री करा ली गई है। ग्रामीणों भी दोषियों पर कार्रवाई की मांग के साथ साथ फर्जी बाड़ा कर रहे गैंग का खुलासा करने की मांग कर रहे है।
वही इस पूरे फर्जी बाड़े पर तहसील महरौनी के रजिस्ट्रार अतुल कुमार निगम ने बताया कि जो रजिस्ट्री की गई उसमें अकबर खान एडवोकेट ने बेचने वाले बिज्जा पुत्र जानकी और खरीददार रामलली राय की तस्दीक की है कि वह भली भांति उन्हें जानते है जिसके बाद विक्रेता के पास आधार कार्ड नहीं था तो पहचान पत्र लगाकर उसकी रजिस्ट्री की गई है।
इस पूरे मामले में हैरान करने बाला मामला ये है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीनों की खरीद फरोख्त आम बात हो गई है,पीड़ित अधिकारियों के चक्कर काटते रह जाते है और भूमाफिया लोगों की जमीनों को हथियाने में कामयाब हो जाते है,अब देखना होगा कि इस मामले में शासन प्रशाशन इस फर्जी बाड़े में शामिल किन किन दोषियों पर कार्रवाई करता है जिससे कि पीड़ितों को न्याय और फर्जीवाड़े पर रोक लग सके।