सत्संग तो दर्पण है जो मनुष्य के चरित्र को दिखाता : स्वामी चन्द्रेश्वरगिरी महाराज

श्री सिद्धपीठ चंडी धाम पर धूमधाम से मनाया गया गुरू पूर्णिमा का पर्व
ललितपुर। श्री सिद्धपीठ चंडी मंदिर धाम पर गुरूपूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह की बेला में परम पूज्य अनंत विभूषित चंडी पीठाधीश्वराचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी चन्द्रेश्वरगिरि महाराजजी ने गुरूमूर्तियों का महाभिषेक व पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात शिष्यों ने परमपूज्य चंडी पीठाधीश्वराचार्य महामण्डलेश्वर चन्द्रेश्वरगिरिजी का गुरुपूजन किया व आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि संतो के संग से मिलने वाला आनंद तो बैकुण्ठ में भी दुर्लभ है। रामचरितमानस मे भी लिखा है कि तात स्वर्ग अपवर्ग सुख धरि तुला एक अंग। तुल न ताहि सकल मिलि जो सुख लव सतसंग। हे तात! स्वर्ग और मोक्ष के सब सुखों को तराजू के एक पलड़े में रखा जाये ते भी वे सब सुख मिलकर भी दूसरे पलड़े में रखे हुए उस सुख के बराबर नहीं हो सकते, जो क्षण मात्र के सत्संग से मिलता है। सत्संग की बहुत महिमा है,, सत्संग तो वो दर्पण है जो मनुष्य के चरित्र को दिखाता है ओर साथ साथ चरित्र को सुधारता भी है। सत्संग से मनुष्य को जीवन जीने का तरीका पता चलता है। सत्संग से ही मनुष्य को अपने वास्तविक कर्तव्य का पता चलता है। उन्होंने कहा कि आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म हुआ था। वेद व्यास के बचपन की बात है। वेद व्यास ने अपने माता-पिता से भगवान के दर्शन की इच्छा जाहिर की, लेकिन उनकी माता सत्यवती ने उनकी इच्छा पूरी करने से मना कर दिया। वेद व्यासजी हठ करने लगे, तो माता ने उन्हें वन जाने की आज्ञा दे दी। जाते समय माता ने वेद व्यास जी से कहा कि जब घर की याद आए, तो लौट आना इसके बाद वेद व्यास जी तपस्या करने के लिए वन चले गए। वन में उन्होंने बहुत कठोर तपस्या की। इस तपस्या के प्रभाव से वेद व्यास जी को संस्कृत भाषा का बहुत ज्ञान हो गया। फिर उन्होंने चारों वेदों का विस्तार किया। इतना ही नहीं, उन्होंने महाभारत, अठारह पुराण और ब्रह्मसूत्र की रचना भी की। महर्षि वेद व्यास जी को चारों वेदों का ज्ञान था, इसीलिए गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा करने की परम्परा चली आ रही है। वेद व्यास जी ने भागवत पुराण का ज्ञान भी दिया था। इस दौरान सरदार वी.के.सिंह, प्रेस क्लब अध्यक्ष राजीव बबेले, जिला पंचायत अध्यक्ष कैलाश नारायण, प्रदीप चौबे, हरीशचन्द्र, विलाश पटैरिया, जगदीश लोधी, अवध बिहारी उपाध्याय, अनूप मोदी, प्रधान यजमान हरीशंकर साहू, निखिल तिवारी, गंधर्व सिंह, मनीष अग्रवाल, अश्विनी पुरोहित, सत्येन्द्र प्रताप सिंह, राहुल शुक्ला, महेश श्रीवास्तव, लखन यादव, शत्रुघ्न यादव, शांतनु पुरोहित, बाबा हीरानंद गिरि, संदीप तिवारी, लक्ष्मीनारायण साहू, संतोष साहू, गिरीश शर्मा, अमित लखेरा व राहुल बबेले आदि उपस्थित रहें।
आज से होगा सवा पांच करोड़ पार्थिव निर्माण कार्यक्रम का शुभारंभ
श्री सिद्धपीठ चंडी मंदिर धाम पर सवा पांच करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण कार्यक्रम शुक्रवार को शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ किया जायेगा। ध्वजारोहण परम पूज्य चंडी पीठाधीश्वराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी चन्द्रेश्वर गिरि महाराज के सानिध्य में संपन्न होगा।