जाखलौन सार्वजनिक शौचालयों का हाल बुरा, दुर्गंध से आम नागरिक परेशान

जाखलौन ललितपुर जहां डबल इंजन कहीं जाने वाली सरकार हर गांव और गांव के लोगों तक हर सुविधा पहुंचाने का कार्य कर रही है। वही जाखलौन ग्राम प्रधान व सचिव सरकारी योजनाओं का बंदरबांट करने में लगे हैं। गांव में कई शौचालय बनवा दिए गए किसी के ताले बंद रहते हैं। तो कोई शौचालय भूतिया नजर आता है। तो कोई शौचालय कचरे के ढेर में तब्दील होता नजर आ रहा है। जैसा की हरदौल मोहल्ले में बना सामुदायिक शौचालय मैं जाकर देखा गया ना तो उसमें पानी के लिए नल की कोई भी टोटी है। और ना ही पानी की कोई व्यवस्था जबकि वहां पर बोर है। लेकिन आसपास के लोगों से पूछा गया तो बता रहे हैं। ना तो यहां कोई केयरटेकर बैठता है। और पानी की मोटर भी सालों से खराब पड़ी हुई है। और इसके अंदर और बाहर गंदगी का अंबार लगा पड़ा हुआ है। क्या यह है सचिव और ग्राम प्रधान को दिखाई नहीं देता या जानबूझकर सरकार की योजनाओं में पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं। आखिरकार जब सरकार द्वारा शौचायलयों के रखरखाव के लिए पैसे भेजे जाते हैं। तो इतनी गंदगी क्यों नजर नहीं आती या ग्राम प्रधान व सचिव जानबूझकर एक गंदगी को नजर अंदाज कर सरकारी योजनाओं को पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं। जबकि भारत सरकार की एक पहल है। इसका उद्देश्य शहर व गांव में स्वच्छता और खुले में शौच से मुक्ति हासिल करना है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत सभी ग्राम पंचायत में सार्वजनिक शौचायलयों का निर्माण हो ऐसा प्रधानमंत्री जी का सपना था। पर अफसोस वह उनका सपना इस पंचायत में टूटता बिखरता नजर आ रहा है।
*जाखलौन के हरदौल मोहल्ले में जाने वाला रास्ता भी बना गंदगी का अंबार* इस रास्ते से जाते ही जैन धर्मशाला की दीवाल से सटकर महीनो से लगे कचरे के ढेर बदबू की वजह से नहीं हो पता किसी भी धार्मिक कार्य का आयोजन। जिसकी शिकायत एडीओ पंचायत महेंद्र कुमार व बीडीओ सब को मौखिक रूप से बता दी गई है। लेकिन अभी तक इस गंदगी के लिए कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया।
*सामुदायिक शौचालय के अंदर बाहर भी लगा गंदगी का अंबार* देखा गया सीटों में सालों पुरानी कीट जमी पड़ी हुई है। और शौचालय के बाहर भी घूरे के ढेर लगे पड़े है।
*सालों से पानी की मोटर पड़ी खराब* शौचालय के अंदर ना तो एक भी नल लगे देखे गए और मोहल्ला के लोगों से जानकारी लेने पर बताया गया पानी की मोटर भी सालों से खराब है।
*शौचालय बनवाने के बाद क्या ग्राम प्रधान व सचिव ने आज तक शौचालय को देखा नहीं* शौचालय में इतनी गंदगी होने के बावजूद प्रधान और सचिव द्वारा आखिर क्यों अपनी जिम्मेदारियां को नहीं निभाया गया। आखिर क्यों सरकार की उम्मीदो पर पानी फेरा जा रहा है।
*क्या ऐसे लोगों को किसी बड़े अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होता है* क्योंकि जब गांव में बने शौचालय व गांव में फैली गंदगी की जानकारी अधिकारियों को दी जाती है। तो भी कोई कार्रवाई नहीं होती और स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसलिए ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं।
*कुछ महीने पहले बनवाया गया शौचालय भी कचरे के ढेर में तब्दील* जाखलोन पाली तिराहे पर कुछ ही महीने पहले शौचालय बनवाया गया था शुरू होने से पहले ही कचरे के ढेर में तब्दील होकर क्यों चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेंट क्या आते जाते अधिकारियों को यह भी दिखाई नहीं देता भैया जानबूझकर आंख बंद करके निकल जाते हैं।



