करीला धाम से लौटते समय पलटी ट्रॉली, दादी-पौत्र की मौत से उमरिया में मातम

एक साथ जलीं दो चिताएं, नम हुईं ग्रामीणों की आंखें – कई घरों में नहीं जले चूल्हे
ललितपुर । थाना नाराहट क्षेत्र के ग्राम उमरिया में रविवार को मातम का माहौल छा गया। शनिवार की रात करीला धाम से लौटते समय ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से दादी-पौत्र की दर्दनाक मौत हो गई थी। रविवार को दोनों का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया। दो चिताएं एक साथ जलते देख ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया और कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम उमरिया निवासी गोमती कुशवाहा (55) और अमरदीप कुशवाहा (10) शनिवार की सुबह गांव की करीब 20 महिलाओं और बच्चों के साथ मध्य प्रदेश के करीला धाम में पूजा-अर्चना के लिए गए थे। कार्तिक माह में प्रतिवर्ष महिलाएं और किशोरियां समूह में धार्मिक स्थलों की यात्रा करती हैं। सभी श्रद्धालु भी इसी कड़ी में करीला धाम पहुंचे थे।
रात में वापसी के दौरान ग्राम मदऊखेड़ी के पास ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में गोमती और अमरदीप की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई श्रद्धालु घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
हादसे में लक्ष्मी (65) गंभीर रूप से घायल हुईं, जिन्हें अशोकनगर से भोपाल रेफर किया गया। वहीं ममतेश राजा, रुचिराजे, मिष्टी राजा का इलाज अशोकनगर जिला अस्पताल में चल रहा है, जबकि संस्कृति, पलक, सृष्टि और अर्चना को ललितपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
रविवार को दोनों शव अशोकनगर से गांव पहुंचे तो परिजनों में कोहराम मच गया। रिश्ते में दोनों दादी-पौत्र थे। ग्रामीणों ने बताया कि गोमती कुशवाहा के पति का निधन करीब पांच वर्ष पूर्व हो चुका था और उनकी कोई संतान नहीं थी। वह अकेली ही रहती थीं। वहीं मृतक अमरदीप दो बहनों का इकलौता भाई था और अपनी मां फूला देवी के साथ करीला धाम गया था। फूला देवी को हादसे में मामूली चोटें आईं।
पूरे गांव में इस दर्दनाक हादसे से शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने बताया कि कार्तिक माह में हर वर्ष श्रद्धालु करीला धाम की यात्रा पर जाते हैं, लेकिन इस बार की यात्रा सभी के लिए गहरी पीड़ा छोड़ गई। रविवार को अश्रुपूर्ण विदाई के बीच दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।



