बजाज फाइनेंस धोखाधड़ी केस में सीसीटीवी फुटेज न देने पर कोर्ट सख्त

पुलिस को दी अवमानना की चेतावनी,13 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
ललितपुर। बजाज फाइनेंस धोखाधड़ी मामले में विवेचक द्वारा कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज पेश न किए जाने पर न्यायालय ने सख्त नाराजगी जताई है। न्यायालय ने यह टिप्पणी तब की जब बार-बार नोटिस जारी करने के बावजूद संबंधित फुटेज प्रस्तुत नहीं की गई। अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।
नेहरूनगर निवासी सोफिया ने 16 सितंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उनकी मां राशिदा बानो और भाई सानू उर्फ राशिद खां को कोतवाली पुलिस ने 14 सितंबर को हिरासत में लिया था। लेकिन बाद में न तो उनकी गिरफ्तारी दर्ज की गई और न ही उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सोफिया ने अपने पत्र में पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सीसीटीवी फुटेज तलब करने की मांग की थी।
न्यायालय ने 19 सितंबर को कोतवाली प्रभारी निरीक्षक से आख्या मांगी थी। इस पर 24 सितंबर को प्रभारी निरीक्षक अनुराग अवस्थी न्यायालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया, किंतु इसके बाद भी मांगी गई सीसीटीवी फुटेज अदालत में नहीं दी गई।
प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बीते सोमवार को थानाध्यक्ष, निरीक्षक और विवेचक को नोटिस जारी करते हुए कहा कि न्यायालय द्वारा बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत नहीं करना अत्यंत आपत्तिजनक है। कोर्ट ने पुलिस को चेतावनी दी कि यदि फुटेज शीघ्र प्रस्तुत नहीं की गई तो न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया कि उच्चतम न्यायालय ने सभी थानों में सीसीटीवी फुटेज कम से कम छह माह तक सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है, जबकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने थानों के कैमरे खराब रहने को गंभीर लापरवाही माना है। इसके बावजूद फुटेज प्रस्तुत न किया जाना न्यायिक आदेश की अवहेलना के समान है।
विवेचक सोमवार को न्यायालय में पेश तो हुए, लेकिन फुटेज नहीं ला सके, जिस पर अदालत ने नाराजगी जताई। अधिवक्ता लखन यादव ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को निर्धारित की गई है।



