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विकास खण्ड बिरधा परिसर में हरा-भरा आम का पेड़ बिना अनुमति काटे जाने पर उठे सवाल

 

पर्यावरण संरक्षण के नियमों की अनदेखी का आरोप

 

बिरधा (ललितपुर)। विकास खण्ड बिरधा परिसर में पर्यावरण नियमों की खुलेआम अनदेखी का मामला सामने आया है। विकास खण्ड कार्यालय भवन के ठीक सामने वर्षों से खड़ा फलता-फूलता आम का पेड़ बिना किसी पूर्व अनुमति के काट दिया गया। पेड़ कटने की जानकारी होते ही स्थानीय ग्रामीणों व पर्यावरण प्रेमियों में रोष व्याप्त है।

 

ग्रामीणों का कहना है कि उक्त आम का पेड़ न केवल हरियाली और छाया प्रदान करता था, बल्कि आमजन और कार्यालय आने वाले लोगों के लिए उपयोगी भी था। इतने बड़े और स्वस्थ पेड़ को काटे जाने से यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर किसके आदेश पर और किस नियम के तहत यह कार्रवाई की गई।

 

स्थानीय नागरिकों के अनुसार किसी भी हरे-भरे वृक्ष को काटने से पहले वन विभाग अथवा सक्षम प्रशासनिक अधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य होता है, लेकिन इस मामले में किसी भी प्रकार की अनुमति की जानकारी सामने नहीं आई है। इससे शासन द्वारा चलाए जा रहे “वृक्षारोपण” और “पर्यावरण संरक्षण” अभियानों की सच्चाई पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।

 

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण और अधिक से अधिक पेड़ लगाने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी परिसर में ही नियमों को ताक पर रखकर पेड़ों की कटाई की जा रही है। इससे आम जनता में गलत संदेश जा रहा है।

 

अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।

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