सहरिया आदिवासी समुदाय को दिये जायें उनके अधिकार

मुरारीलाल जैन आदिवासी कल्याण समिति ने महामहिम राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
ललितपुर। मुरारीलाल जैन आदिवासी कल्याण समिति के तत्वाधान में आज एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति दिल्ली को जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया, जिसमें भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत निवासियों का अधिनियम पास कर प्रदेश सरकारों को उसके तुरंत लागू करने का आदेश किया गया था, लेकिन 19 वर्षों के बाद भी ललितपुर जनपद में किसी भी आदिवासी सहरिया जाति के लोगों को खेती के पट्टे नहीं दिए गए हैं। ज्ञापन में बताया गया है कि अनुसूचित जाति और अन्य परंपरागत अधिकारों को मान्यता दी जाए और संशोधन सहित उक्त कानून को लागू किया जाए। वन में निवास करने वाले ऐसी आदिवासी अनुसूचित जनजाति के लोगों को जो वनों में निवास कर रहे हैं, अधिकार दिलाया जाए। ज्ञापन के माध्यम से सभी आदिवासी एवं अन्य परंपरागत वनवासियों को 2006 बना डकार कानून लागू कर तुरंत ही सहरिया आदिवासी जाटों को कृषि जमीन के पटे किया जाए। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रजकिशोर जैन एड., आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष हरदयाल सिंह लोधी, महासचिव अनूप ताम्रकार, मंत्री रमेश कुमार, मीना, गणेशराम रजक, सुमन, ज्योति, प्रमोद नामदेव एड., महेंद्र पाराशर एड., रतन, सुखवाती, नन्हीं बाई, प्रेम, पंचू, चालीलाल, जानकी, देशराज, परम, श्याम, महीपत, बहादुर, मुकुंदी, हीरा, अमोल, मनजीत, रामदास, अर्जुन, रोशन, प्रमोद, अरविंद, पुराण, विजय, तुलसी, राजाराम, माया, राजा बेटी, हिमालय, धनकुमार, अंगूरी, रामदुलारी, हनुमान बाबू सैकड़ो सहरिया आदिवासी के लोग उपस्थित रहे।



