प्रभु सदैव भक्तों पर कृपा बरसाते हैं : धन्वंतरि महाराज श्री नृसिंह मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का हुआ विधिवत समापन

ललितपुर। जीवन में संस्कारों का बढ़ा महत्व है। अपनी संतान की संस्कार युक्त बनाने के लिये माँ बाप को जागरूक होना होगा, संतान को धन से अधिक सुसंस्कारों की आवश्यकता है, संस्कारों से ही धर्म एवं धर्म की सारी मर्यादाओं का पालन होता है, संत, गौ, गंगा, गीता एवं गायत्री के सम्मान के लिये संस्कार युक्त संतान आवश्यक है, संस्काशाली नागरिक राष्ट्र व धर्म के साथ-साथ परिवार की उन्नति का भी आधार होता है। बच्चों को प्रारंभ से ही संस्कार दें, श्रीमद् भागवत महापुराण में भगवान श्री कृष्ण के सोलह हजार एक सौ आठ विवाहों वृतांत मिलता है, प्रभु की यह भी कृपा लीला है। भैौमासुर के कारागार से मुक्त कराई सोलह हजार एक सौ युवतियों को सम्मान जनक जीवन देने की यह लीला है। प्रभु श्री कृष्ण करूणानिधान हैं। धन्वतरीदास महराज ने कहा कि प्रभु सदैव भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। शास्त्र कहता है कि भगवान भक्त के वश में होते हैं। आज के समय में हम संबंधों को महत्व नहीं देते हैं। लेकिन प्रभु श्री कृष्ण अपने बचपन के मित्र सुदामा का विधिवत सम्मान करते हैं। प्रभु तो दीनानाथ हैं, दीनदयाल हैं। सुदामा जी संतोषी महात्मा हैं। वह द्वारकाधीश से मिलने पहुंचे, सुदामा जी को देखकर प्रभु श्री कृष्ण भावुक हो जाते हैं। और अपने नेत्रों के जल से अपने मित्र स्वरूप भक्त का सम्मान करते हैं। दो मुठ्ठी भर चावल ग्रहण करते ही प्रभु ने अपने मित्र को वैभव शाली बना दिया। यही प्रभु का संदेश है कि जीव मेरी ओर आकर देखे मैं अपने भक्त का सब कुछ संवार दूंगा। उन्होंने कहा कि जीवन में सेवा का बड़ा महत्व है, हमें तन की सेवा भी करनी चाहिए, सेवा सर्वोपरि धर्म है। सनातन धर्म के अनुयायियों को कथा श्रवण, प्रभु नाम सुमिरन, दया गौ सेवा, संत सेवा जैसे सद्गुणों को धारण करना चाहिए। श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा मुक्त होने की कथा है। हमें सांसारिक बन्धनों में उलझ कर प्रभु को विस्मृत नहीं करना चाहिए। अत: जीवन में निरन्तर कथा श्रवण होना चाहिए। कथा में मुख्य यजमान सुमन संजय ड्योडिया, सदर विधायक रामरतन कुशवाहा, प्रदीप चौबे, ओमप्रकाश शास्त्री, सरदार बीके, भगवत नारायण बाजपेयी, रमेश रावत, सुभाष जायसवाल, हरिराम निरंजन, उदित रावत, धर्मेन्द्र रावत, विलास पटैरिया, शरद खैरा, प्रदीप खैरा, अजय तिवारी नीलू, राजीव बबेले सप्पू, महेन्द्र अग्निहोत्री, संजय अवस्थी, राजेन्द्र बाजपेयी, निखिल तिवारी, मनीष सड़ैया, नरेश शेखावत, विवेक सड़ैया, महेश श्रीवास्तव, कौस्तुभ चौबे, माधव चौबे, अजय पटैरिया, गिरीश पाठक सोनू, अजय नायक, हरिशंकर साहू, ह्देश हुण्डैत, बद्री पाठक, बृजेश चतुर्वेदी, मानू शर्मा, नीरज शर्मा, संजय पाठक, जगदीश पाठक, मगन साहू, शिवम कौशिक, मुकेश गुप्ता, आशीष लिटौरिया, अनुज दीक्षित, चंदे साहू, महेन्द्र सविता एड., गुन सागर श्रीवास्तव, अशोक गोस्वामी, कृष्णकांत सोनी, पार्थ चौबे, राहुल चौबे, रोहित रावत, अंकुर रावत, शुभम गुप्ता, अजय तोमर, संजू श्रोती सहित अनेकों धर्मालंबी मौजूद रहे।
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