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उत्तर प्रदेशीय सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक कल्याण परिषद ने केन्द्र सरकार को भेजा ज्ञापन

ललितपुर। उत्तर प्रदेशीय सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक कल्याण परिषद ने जिला प्रशासन के जरिए भारत सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग को एक ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि शासकीय सेवकों की सेवानिवृति के समय उनकी निधारित पेंशन के अधिकतम 40 प्रतिशत धनराशि की राशिकरण की व्यवस्था है और पूर्व में एक रूपये का 125 गुणा धनराशि का भुगतान हो जाता था जो कालान्तर में रूपया 125/- से घटाकर 117/- कर दिया गया और वर्तमान में एक रूपये का 98 गुणा धनराशि राशिकृत के रूप में प्राप्त होती है जो पूर्ववत 15 वर्षों तक की मासिक किश्तो में पेशन से कटौती की जाती है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में लगभग 12 प्रतिशत से भी अधिक ब्याज दर प्रर्चालत थी जो वर्तमान में लगभग 7 प्रतिशत से भी कम हो गयी है। अतएव एक रूपये के राशिकृत मूल्य में निरन्तर कमी तथा ब्याज दर में भी कमी होने के आधार पर राशिकृत धनराशि की कटौती 15 वर्ष के बजाय 12 वर्ष में ही पूर्ण किये जाने हेतु संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न केन्द्रीय एव राज्यस्तरीय पेंशनर्स संगठन द्वारा निरन्तर अपील की जाती रही है। यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 1985 के पूर्व केन्द्रीय पेंशनर्स सहित विभिन्न प्रदेश पेंशनर्स को स्वीकृत राशिकृत धनराशि की वसूली की अवधि में एकरूपता नहीं थी और 1986 में सर्वोच्च न्यायलय की अपेक्षानुसार भारत सरकार द्वारा राशिकृत धनराशि की वसूली 15 वर्ष में किये जाने के आदेश निर्गत किये गये और उसी आधार पर देश के अन्य राज्यों द्वारा यही प्रक्रिया अपना ली गयी। इस तथ्य से भी अवगत होगें कि गुजरात सरकार द्वारा राशिकृत धनराशि की वसूली 13वर्ष में पूर्ण किये जाने के आदेश निर्गत किये गये है और उच्च न्यायलय पंजाब एवं चंडीगढ़ की अपेक्षानुसार पंजाब चंडीगढ़ तथा हरियाण सरकार द्वारा राशिकृत धनराशि की वसूली 11 वर्ष के बाद न किये जाने विषयक आदेश निर्गत किये गये है। इसके अतिरिक्त उच्च न्यायलाय इलाहाबाद लखनऊ बेंच में योजित रिट ए नं0-5617/2024 डा.ओमप्रकाश श्रीवास्तव एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य में भी न्यायलय द्वारा राशिकृत धनराशि की वसूली बन्द किये जाने के आदेश दिये गये है। यह भी उल्लेखनीय है कि अधीनस्थ द्वारा प्रेषित पत्र से पूर्ण रूप से स्पष्ट है कि भारत भी राशिकृत धनराशि की बहाली 12 वर्ष में किये जाने के पक्षधर है। इस प्रकार स्पष्ट है कि भारत सरकार के पेंशनर सहित विभिन राज्य सरकारों के पेंशनर्स को स्वीकृत धनराशि की बहाली में अब एकरूपता समाप्त हो गयी है और वर्ष 1986 में भारत सरकार द्वारा निर्धारित एकरूपता का सिद्धान्त बनाये रखने के लिए आपके मंत्रालय द्वारा एक सामान्य आदेश निर्गत किया जाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने केन्द्र सरकार से सेवानिवृत्ति के समय स्वीकृत राशिकृत धनराशि के मूल्य में निरन्तर कमी होने, वर्तमान में प्रचलित ब्याज दर तथा केन्द्रीय पेंशनर सहित राज्य पेंशनर से राशिकृत धनराशि की कटौती की अवधि में भिन्नता के दृष्टिगत सेवानिवृत्ति के 12 वर्ष कटौती के उपरान्त कटौती बन्द किये जाने विषयक आदेश निर्गत किये जाने हेतु संबंधित को प्रभावी निर्देश देने की मांग उठायी गयी।

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