मड़ावरा: कस्बे में निकलती भव्य शोभायात्रा धूमधाम से मनाई गई जल-झुलनी एकादशी
नगर में निकली विमानों की भव्य शोभायात्रा
मड़ावरा। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को जलविहार का पर्व ललितपुर जनपद के मड़ावरा कस्बे में परंपरागत रुप से मनाया गया। जल-झुलनी एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध इस त्यौहार को कस्बे समेत ग्राम रनगांव के विभिन्न मंदिरों से देव-प्रतिमाओं को सुंदर तथा सुसज्जित विमानों में विराजमान कर स्थानीय तालाब में जलविहार कराया गया। इस दौरान शालाजी मंदिर, पठकान जी मंदिर, हनुमानजी मंदिर साहू मोहल्ला, रावतपुरा उदैनिया मंदिर, तथा रनगांव मंदिर से श्रीजी विमानों की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में भजन-कीर्तन समेत परंपरागत बुंदेली-सैर की भी प्रस्तुति शोभायात्रा में चार-चांद लगाती नजर आयी। विमान आगमन पर ग्रामीणों द्वारा पूरे नगर में उनकी मंगल आरती की गई। इस दौरान तमाम गांव जैसे सोरई,गोराकलां,बम्होरीकलां, रखवारा,धवा,आदि गांवों में जलविहार किया गया, ग्रामीणजन एवं शांति सुरक्षा व्यवस्था हेतु प्रभारी निरीक्षक मड़ावरा उदयभान गौतम मयफोर्स के मौजूद रहे।
डोल-ग्यारस को करवट बदलते हैं देवता
मड़ावरा। कस्बे के ज्योतिषचार्य पण्डित अरविन्द्र कुमार रावत ने बताया कि डोल-ग्यारस को जल-झूलनी एकादशी के साथ ही परिवर्तनी-एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु देव-शयनी एकादशी को शयन करते हैं जो डोल-ग्यारस को करवट बदलते हैं इसलिये भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को मंदिरों से देव-प्रतिमाओं को विमानों में ले जाकर स्थानीय नदी-तालाब पर आरती-वंदन के साथ उनका जल-विहार कराया जाता है।