फर्जी कॉल सेन्टर गिरोह का सरगना सहित 14 गिरफ्तार, लोगों को नौकरी लगवाने के नाम अभिलेख मंगाकर बनाता था फर्जी कम्पनी, करते थे जीएसटी की चोरी
ललितपुर। साइबर क्राइम टीम ने शनिवार को एक ऐसे फर्जी कॉल सेन्टर का खुलासा किया है, जिसके माध्यम से लोगों को ऐयरपोर्ट व अन्य विभागों में नौकरी का लालच देकर उनके अंकपत्रों व अभिलेखों को लेकर दस्तावेज तैयार कर हजारों फर्जी कम्पनी बनाकर उन्हें बेचने का कार्य किया जा रहा था, जिन लोगों के अभिलेखों पर फर्जी कम्पनी बनाई जा रही थी, उन लोगों के पास जीएसटी विभाग की टीम ने लाखों रूपए के जीएसटी नोटिस भेज दिये गये है। पुलिस ने पांच युवकों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से लेपटॉप, स्मार्ट फोन, ईमेल आईडी, सिमकार्ड व कई अभिलेख बरामद हुए है।
पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक ने शनिवार की शाम पुलिस लाईन स्थित सभागार में प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि थाना तालबेहट के ग्राम बिजरौठा निवासी राजकुमार पुत्र रमेश रजक ने दो माह पहले एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके द्वारा कोई भी कम्पनी नहीं बनाई गई है, लेकिन उसके बाद भी उसके नाम से रजिस्टर्ड कम्पनी तथा कम्पनी के नाम से एक करोड़ रूपए की धनराशि से लोहा खरीदा गया, तथा जीएसटी कर की चोरी का नोटिस भी उसके पास आया है, जबकि कुछ दिनों पहले एक व्यक्ति ने मोबाइल कॉल कर उससे नौकरी लगवाने के नाम पर आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य अभिलेख लिये थे, जिसके बाद इस मामले की जांच कराई गई तो मामले का खुलासा हुआ, जिसमें पता चला कि दिल्ली में बैठकर मुखिया चंदन कुमार मिश्रा उर्फ वरूण मिश्रा पुत्र जितेन्द्र मिश्रा निवासी बी 292 राजीव गांधी मार्ग गली नंबर 14 भट्टा रोड़ ब्लॉक स्वरूप नगर दिल्ली एक फर्जी कॉल सेन्टर बनाये हुए है, उसी के माध्यम से वह लोगों को फोन कर उन्हें नौकरी लगवाने के नाम पर उनके प्रपत्र ले लेता है और उन प्रपत्रों के आधार पर फर्जी कम्पनी बनाकर दूसरे लोगों को बेच देता है, और उसी कम्पनी के माध्यम से लाखों रूपए की खरीद की जाती है एवं जिससे उसमें जीएसटी की चोरी कर ली जाती है। साइबर टीम ने 2 माह की मेहनत के बाद दिल्ली के प्लॉट नंबर 53 प्रतीक्षा अपार्टमेंट चौथी मंजिल फ्लैट नंबर बी-4 में चल रहे फर्जी कॉलेज सेन्टर में छापा मारकर 5 पुरूष व 9 महिलाओं सहित 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मौके से टीम ने 7 लेपटॉप, 2 आईफोन, 14 एन्ड्राईड फोन, 15 कीपेड फोन, 102 सिम कार्ड, 714 मेल आईडी, 28 लेखा जोखा के रजिस्टर व बाईफाई मोडल के अलावा फर्जी कम्पनियों से संबंधित अभिलेख बरामद किये गये है। पकड़े गये आरोपियों ने अपने नाम नई दिल्ली के चन्दन कुमार मिश्रा उर्फ वरूण मिश्रा के अलावा, रोहन पुत्र धर्मेन्द्र कुमार सिंह निवासी जीवन पार्क लिवासपुर गली नंबर 8 शिव मंदिर के पास नई दिल्ली, राहुल कुमार झां पुत्र संतोष कुमार झां निवासी 707/04 गली नंंबर 14 जीवन पार्क सिरसापुर दिल्ली, विपिन जैन पुत्र सतीश चन्द्र जैन निवासी मकान नंबर 721 गली नंबर 9 सिंधी कॉलौनी स्वरूप नगर दिल्ली, शुभम शर्मा पुत्र रमेशक ुमार शर्मा निवासी गली नंबर 15 कुशनगर स्वरूप नगर नईदिल्ली, स्नेहा पुत्री सूरज सिंह, सलोनी पुत्री सुनील तोमतर, मोनिका पुत्री जुगपात झां, श्रृष्टि पुत्र विजय, सोनिया पुत्री कुबेर सिंह, साक्षी कुमारी पुत्र धीरज झां, मुस्कान पुत्री राजकुमार चौरसिया, नजराना पुत्री मुहम्मद फरीद, रीता पुत्री प्रताप को गिरफ्तार किया गया है। फर्जी कॉल सेन्टर के मुख्य आरोपी चंदन कुमार मिश्रा ने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है, वह आपस में मिलकर पैसा कमाने के उद्देश्य से एक प्लान तैयार किया, जिसमें वह लोग ऐयरपोर्ट व अन्य विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों के प्रपत्र मंगा लेते है और उन प्रपत्रों से दस्तावेज तैयार करके फर्जी कम्पनी बना लेते है। जब इस कार्य के लिए मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है तो टीम सदस्य शुभम शर्मा व विपिन उपलब्ध कराने का काम करते है, जो लोगों को गुमराह करके सिम खरीदने वालों को एक ही आईडी पर धोखाधड़ी करके दो एक्टिवेटेड सिम तैयार कर लेते थे, जिससे एक सिम ग्राहक को दे देते तथा दूसरी सिम का प्रयोग वह धोखाधड़ी में करते। उन्होंने बताया कि इसके लिए कॉल सेन्टर बनाया गया है, जिसमें कॉल करने के लिए लड़कियों को 5 हजार रूपए प्रतिमाह की सैलरी पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि पूरे भारत वर्ष में 10 से 20 हजार रूपए प्रतिमाह की नौकरी लगवाने के नाम पर वह लोगों को गुमराह कर उनके दस्तावेज, आधार कार्ड, पैन कार्ड, शैक्षिक अभिलेख आदि मंगा लेते व उनके नाम से फर्जी कम्पनी बनाकर रजिस्टर्ड कराते है। इन फर्जी रजिस्टर्ड कम्पनियों को वह लोग ऊंची कीमत पर व्यापारियों को बेच देते है। उन्होंने बताया कि अब तक उन्होंने 1000 से ज्यादा फर्जी कम्पनी बनाकर व्यापारियों को करोड़ो रूपए में बेच देती है। उन्होंने बताया कि ललितपुर निवासी राजकुमार रजक के नाम से भी फर्जी कम्पनी बनाई गई थी, जिससे एक करोड़ का लोहा खरीद का कार्य किया गया था, जिसकी जीएसटी 18 लाख रूपए हुई थी।
प्रेसवार्ता के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक, अनिल कुमार, क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय व साइबर टीम निरीक्षक शावेज खान पूरी टीम के साथ मौजूद रहे।