सत्रह को मनेगा अनंत चतुर्दशी, दो अक्टूबर को होगा पितरों का विसर्जन
ललितपुर। वैदिक विद्वत परिषद की बैठक में अनंत चतुर्दशी एवं श्राद्ध पक्ष को लेकर चर्चा की गई। परिषद अध्यक्ष आचार्य पवन तांत्रिक ने बताया कि इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को दोपहर 11.24 बजे तक मनाई जाएगी। इसके बाद पूर्णिमा का प्रवेश होगा, जो सुबह 8. 15 बजे तक रहेगी। इस तरह सुबह 8.15 बजे तक पितरों का आह्वान कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मध्याह्न में पूर्णिमा का श्राद्ध 17 सितंबर को मनाया जाएगा, जो 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष होगा। जबकि, गणेश विसर्जन 17 सितंबर को सुबह 11 बजे तक मनाया जाएगा। गणेश जी का हवन 16 सितंबर में दोपहर के बाद कर सकते हैं, जो गणेश स्थापना का 10 वां दिन भी है। इस तरह सुबह 11 बजे तक गणेश विसर्जन कर लें। वहीं, 2 अक्टूबर को पितृ विसर्जन किया जाएगा। इसी दिन पितृ आह्वान भी किया जाएगा। मुख्य अतिथि पं. बाबूलाल द्विवेदी ने बताया कि श्राद्ध पक्ष तीन प्रकार से मनाने का विधान है। प्रथम 16 दिन का, द्वितीय 17 दिन का, तृतीय 15 दिन का। इनमें से 16 दिन का पक्ष ठीक है। तीर्थों में 17 दिन का पक्ष माना जाता है। अनंत चतुर्दशी से 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष माना जाएगा। पं. कृष्णदेव लिटौरिया, पं. बृजनारायण मुखरैया ने 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष की तालिका जारी की है। अध्यक्षता अध्यक्ष पं. आचार्य पवन तांत्रिक व संचालन पं. कृष्णदेव लिटौरिया ने किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पं. बाबूलाल द्विवेदी महामंत्री, पं. बृजनारायण मुखरैया, पं. कामता प्रसाद चौबे, पं. बृजकिशोर चौबे, पं. रमाशंकर तिवारी, पं. प्रमोद लिटौरिया, पं. हरीओम दुबे, पं. कृष्णकांत त्यागी, पं. मौसम तिवारी, पं. रमेश बबेले, पं. संजय कौशिक, पं. दीपेश चौबे, पं. कृष्ण बिहारी मिश्रा, पं. शिवसहाय पाठक, पं. मुन्नालाल मिश्रा, पं. अशोक त्रिपाठी, पं. दीपक दुबे, पं. हेमंत पाठक आदि उपस्थित रहे।