दूषित पानी से फैला था डायरिया, जांच में हुई पुष्टि बीते दिनों पूराकलां के वंशकार मोहल्ले में 83 लोग आए थे डायरिया के चपेट में, एक मरीज की हुई थी मौत

ललितपुर। विकासखंड तालबेहट की ग्राम पंचायत पूराकलां की वंशकार बस्ती में डायरिया का प्रकोप दूषित पानी से हुआ था। टीम द्वारा लिए गए पानी के सैंपल की जांच में पानी दूषित पाया गया है। अब देखना यह है कि दूषित पानी वाले मामले में संबंधित विभाग पर क्या कार्रवाई होती है। विदित हो कि विगत 25 सितम्बर को वंशकार बस्ती में डायरिया का प्रकोप हुआ था। जिसमें लगातार चार दिन तक 83 लोग इसकी चपेट में आए थे। जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, दो मरीजों को उपचार के लिए झांसी मेडीकल कालेज भेजा गया था। जबकि अन्य मरीजों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तालबेहट एवं ललितपुर के मेडीकल कालेज में भर्ती कराया गया था। वहीं डायरिया के प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य महकमें एवं प्रशासन में खलबली मच गयी थी। जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. इम्तियाज अहमद, उप जिलाधिकारी तालबेहट श्रीराम यादव, प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. विशाल पाठक टीमों को लेकर मौके पर पहुंचे थे। जहां चौबीस घंटे टीमें मुस्तैद रहीं थीं और डोर टू डोर जाकर निरीक्षण कर ग्रामीणों से बातचीत की थी। फिलहाल डायरिया फैलने का मुख्य कारण प्रारंभिक तौर पर दूषित पानी एवं फैली गंदगी को ठहराया गया है। टीम द्वारा बस्ती में लगे हैंडपंप एवं पाइप लाइन से पानी के सैंपल लेकर प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए थे। विगत दिवस लखनऊ से जो जांच रिपोर्ट आयी है। उसमें पानी दूषित पाया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो जांच में पानी में ई-कोलाई की मात्रा पाई गई है। जो डायरिया के लिए जिम्मेदार है। पानी के अंदर दूषित जीवाणु पाए गए हैं।
विदित हो कि ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई एवं पेजयल के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलायीं जा रहीं हैं। लेकिन सत्यता यह है कि धरातल पर कोई काम नहंी दिख रहा है। भले ही कागजों को दुरूस्त रखते हुए जिम्मेदार विभाग अपनी पीठ थपथपा रहे हों, लेकिन ग्रामीण अंचलों में पेयजल एवं सफाई व्यवस्था ध्वस्त पड़ी हुयी है। पंचायती राज विभाग द्वारा गांव की साफ सफाई को लगे कर्मचारी मौज काट रहे हैं। अधिकांश सफाई कर्मी सफाई कार्यालयों एवं अधिकारियों की जी हजूरी में लगे हुए हैं। जिस कारण इस वर्ष गंदगी के कारण अनेक गांवों में डायरिया का प्रकोप अन्य वर्षो की अपेक्षा अधिक फैला है।