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मां शैरावाली का सजा दरबार, मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की हुई आराधना

ललितपुर। शहर में शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई। पर्व के पहले दिन कलश स्थापना होने के साथ मां शैलपुत्री की आराधना की गई। इस दौरान मंदिरों एवं पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।


शारदीय नवरात्र को महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत हो गई है। 11 अक्टूबर को नवरात्र का समापन होगा। वहीं, 12 अक्टूबर को दुर्गा देवी विसर्जन एवं विजयादशमी दशहरा पर्व मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्र को धूमधाम से मनाने के लिए जोरदार तैयारी की गई हैं। जहां पंडालों को आकर्षक तरीके से सजाया गया। वहीं, मंदिरों को विभिन्न प्रकार की रोशनी से जगमग किया गया है। बृहस्पतिवार की सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का पहुंचना आरंभ हो गया था। इस दौरान श्रद्धालुओं ने घंटे, घडिय़ाल बजाए और माता के दरबार में माथा भी टेका। वहीं, घरों, मंदिरों एवं पंडालों में कलश स्थापना एवं ध्वजारोहण किया गया। इस पूजन के लिए श्रद्धालुओं ने मुहुर्त का इंतजार किया। बता दें कि सुबह 9 बजकर 26 मिनट से सुबह 11 बजकर 43 मिनट तक कलश स्थापना का समय था। वहीं, अनेक श्रद्धालुओं ने दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से शाम 5 बजकर 7 मिनट तक स्थिर लग्न में कलश स्थापित किया और ध्वजारोहण भी किया। कुछ श्रद्धालुओं ने रात्रि में 8 बजकर 12 मिनट से रात्रि 10 बजकर 08 तक स्थिर लग्न में कलश स्थापित किया व ध्वजारोहण किया। वहीं, पंडालों में दुर्गा प्रतिमाओं को मंत्रोच्चार के साथ स्थापित किया गया। शाम को ढोल नगाड़ों के साथ आरती की गई। इस दौरान पंडालों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। अंत में प्रसाद का वितरण किया गया।
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काली लाइन में विराजी 13 फिट की विराट मूर्ति
महाकाली लाइन में काली जी की विराट मूर्ति को स्थापित किया गया। यहां लंबे समय से मां काली का दरबार सजाया जा रहा है। श्रद्धालु यहां के पंडाल सजने का इंतजार करते हैं। माता का विराट रूप देखते ही बन रहा है।
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नौ दिन माता के विभिन्न रूपों की होगी आराधना
नौ दिन माता के विभिन्न रूपों की आराधना होगी। बृहस्पतिवार को शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। शुक्रवार को ब्रह्मचारिणी मां की आराधना की जाएगी। वहीं, शनिवार को मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। रविवार को मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जाएगी। आश्विन शुक्ल पंचमी 07 अक्टूबर दिन सोमवार को भगवती स्कन्द माता की विशेष आराधना का शुभमुहूर्त है। आश्विन शुक्ल सप्तमी 10 अक्टूबर दिन गुरुवार को भगवती कालरात्रि की विशेष आराधना का मुहूर्त है। आश्विन शुक्ल अष्टमी 11 अक्टूबर दिन शुक्रवार को मध्याह्न 12 बजे तक दुर्गाष्टमी, भगवती महागौरी की विशेष पूजा अर्चना का शुभमुहूर्त है। इसी दिन आश्विन शुक्ल नवमी भी है। मध्याह्न 12 बजे के पश्चात अर्थात 11 अक्टूबर को ही दुर्गा नवमी है। इसी दिन भगवती सिद्धिदात्री की विशेष पूजा का मुहूर्त एवं हवन पूर्णाहुति का शुभमुहूर्त है। आश्विन शुक्ल दशमी 12 अक्टूबर शनिवार को विजयादशमी पर्व दशहरा, नीलकंठ दर्शन, शमीपूजन, अपराजिता देवी पूजन, दुर्गा देवी विसर्जन का शुभमुहूर्त हैं।
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आजाद चौक पर सजा दुर्गा पंडाल
आजाद चौक पर श्री वैष्णो महोत्सव समिति आजाद चौक द्वारा आकर्षक पंडाल सजाया गया है। इस पंडाल में मां भगवती के साथ मां के विभिन्न रूप दर्शाए गए हैं, साथ ही गणेश जी की मूर्ति को भी स्थापित किया गया है। मां के भक्तों में सुभाष जायसवाल, रूपेश श्रीवास्तव, रमेश श्रीवास्तव पार्षद, मुन्ना त्यागी महाराज, रमन चौरसिया, गौरव त्यागी, पंकज त्यागी, मनोज जैन, राकेश नामदेव, अंकित साहू, रविंद्र साहू, हरि चौरसिया, बांके बिहारी परिवार शामिल हैं।
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