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निजी बस संचालकों की मनमानी से छात्राए परेशान ओवरलोड टैक्सी वाहनों से सफर को मजबूर

तालबेहट-ललितपुर। विकासखंड के सूदूर ग्रामों से क्षेत्र के एक मात्र राजकीय बालिका इंटर कॉलेज आने बाली छात्राओं और छात्रों को भारी मुसीबत के बाद विद्यालय आना पड़ता है। ऐसे में बस चालकों की मनमर्जी से जहां बच्चों की जान जोखिम में डाल कर पढाई को आना पड़ता है। परिवहन विभाग से लेकर जिले के अफसर छात्र छात्राओं की मुसीबत को नजरअंदाज कर रहे है।
विकासखंड की करीब 3 लाख की आबादी में एक मात्र राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में तेरई फाटक, पूराकलां, झरर समेत 10 से 20 किलोमीटर दूर से छात्राए वहीं मर्दन सिंह इंटर कॉलेज में छात्र पढाई के लिए आते है। ऐसे में लोकल बस संचालक बसे नहीं रोकते और जब छात्र छात्राए बस स्टेण्ड या पेट्रोल पंप तिराहे से बैठने का प्रयास करते है तो बस चालक तेजी से बस बढाते हुए छात्राओं को गिरा देते है दौड़ा देते है। जिसके चलते कई बार छात्रांए गिरकर चोटिल हो जाती है। छात्राए मजबूरन ओवरलोड टैक्सी में ज्यादा किराया देकर जाना पड़ता है। इस संबंध में न तो विद्यालय प्रबंधक और प्राचार्य छात्र छात्राओं की मदद का प्रयास करते है और न ही परिवहन विभाग बाले प्रयास कर करते है। जिससे किसी तरह मुसीबत में छात्राए और छात्र अपनी पढाई कर पा रहे है।

बड़ा हादसा टला
दो दिन पूर्व राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राए बस स्टेण्ड पर छुटटी के बाद घर जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रही थी। उसी समय झांसी की ओर से आई राजकमल बस सर्विस के चालक ने सवारी उतारने के लिए बस रोकी और जैसे ही आधा दर्जन छात्राए बस में चढऩे को हुई तो बस चालक ने तेजी से बस आगे बढा दी। जिससे बस से छात्राए गिर गई। इसके बाद बस चालक तेजी से बस भगा ले गया। गनीमत रही छात्राए बस के अगले टायर से बच गई।

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