कृत्रिम बालू को बढ़ावा देने लगायी जायेंगे इकाईयां
ललितपुर। उ.प्र. सरकार की जीरो वेस्ट पॉलिसी के तहत उ.प्र. शासन भूतत्व एवं खनिकर्म अनुभाग लखनऊ की अधिसूचना 16 अक्टूबर 2024 द्वारा उ.प्र. एम. सैण्ड नीति 2024 निर्गत की गयी है। प्रदेश में एम-सैण्ड के संबंध में निर्गत शासनादेश के द्वारा विकास व निर्माण कार्यो को गति प्रदान करने हेतु बालू/मौरम की उचित दर पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत ईमारती पत्थर यथा, सैण्ड स्टोन, डोलोस्टोन, ग्रेनाइट एवं ग्रेनाइट आयामी पत्थर के खनन क्षेत्रों में खनन संक्रिया के दौरान एकत्रित अनुपयोगी पत्थरों (रिजेक्ट पत्थर/ओवरवर्डन) से कृत्रिम बालू (एम-सैण्ड) का उत्पादन किया जायेगा। जनपद में उपखनिज ग्रेनाइट आयामी पत्थर के 18 क्षेत्र उपलब्ध है, जिनमें उपखनिज खण्डा/बोल्डर (ग्रेनाइट) की लगभग मात्रा 40 लाख घनमी. उपलब्ध है। उ.प्र. एम. सैण्ड नीति 2024 निर्गत होने से खनन पट्टाधारकों एवं क्रेशर उद्यमियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। जनपद ललितपुर में 02 एम-सैण्ड प्लांट तैयार हो चुके है एवं 02 प्लांट निर्माणाधीन है। जनपद में कई जगहो पर लगभग 10 एम-सैण्ड प्लांट स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। एम0 सैण्ड प्लांट के संचालन हेतु लखनपुरा एवं गडिया क्षेत्रों में विद्युत कनेक्षन अति शीघ्र उपलब्ध कराये जाने का कार्य प्रगति पर है, जिससे भी व्यापारियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। प्रदेश में कृत्रिम बालू (एम-सैण्ड) को बढावा देने का मुख्य उद्देश्य नदी तल से प्राप्त होने वाली बालू की सीमित मात्रा और इसकी बढती मांग के दृष्टिगत कृत्रिम बालू (एम-सैण्ड) को नदी तल से प्राप्त होने वाली बालू के विकल्प के रूप में बढावा दिया जाना है, जिससे नदियों पर निर्भरता कम होने के साथ पर्यावरण संरक्षण भी होगा एवं उद्योग/सूक्ष्म, लघू एवं मध्यम उद्योग सेक्टर के अंतर्गत कृत्रिम बालू (एम-सैण्ड) यूनिट स्थापित करने से रोजगार के अवसरों व आर्थिक विकास को बढावा मिलेगा। एम-सैण्ड के निर्माण से बालू के बाजार मूल्य में भी कमी आयगी। कृत्रिम बालू (एम-सैण्ड) निर्माण ईकाई स्थापित करने हेतु सभी विद्यमान्य एवं नये एम-सैण्ड उत्पादकों को अपना पंजीकरण भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उ.प्र. द्वारा निर्दिष्ट पोर्टल पर करना होगा। पंजीकरण के साथ एक लाख प्रतिभूति के रूप में जमा करना होगा। सभी एम-सैण्ड उत्पादन ईकाइयों को भण्डारण अनुज्ञप्ति प्राप्त करनी होगी।