चाचा के हत्यारोपी भतीजे को आजीवन कारावास, अर्थदण्ड भी लगाया

2 वर्ष पूर्व बंटवारे को लेकर दिया था घटना को अंजाम
ललितपुर। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय एससीएसटी में विचाराधीन विगत 2 वर्ष मकान के बटवारे को लेकर कुल्हाडी मारकर चाचा की हत्या करने वाले भतीजे को न्यायाधीश ने आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा सुनायी है। पुलिस ने हत्यारोपी को अपनी हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।
घटना की प्रष्ठ भूमि पर प्रकाश डालते हुयी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता पं. संजीव लिटौरिया ने बताया कि थाना बार अन्तर्गत ग्राम खैरीडांग में विगत 16 अप्रैल 2023 की शाम भैय्यन अहिरवार पुत्र शिबू घर पर सामान ले रहा था। इसी दौरान उसका भतीजा महेन्द्र अहिरवार पुत्र पर्वत अहिरवार आया और घर से भाग जाने की बात कही। जब भैय्यन ने रोका, तो उसके द्वारा गाली गलौच की गयी। बाद में महेन्द्र ने कुल्हाडी से गर्दन पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसके बाद वह जान से मारने की धमकी देकर भाग गया था। जिसे उपचार के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बार लाया गया था। हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया था। जिला चिकित्सालय में भी हालत गंभीर होने पर उसे झांसी रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गयी थी। मृतक के भाई शीतल अहिरवार ने बताया था कि उसके पुस्तैनी घर का बंटवारा नहीं हुआ था। उसका बडा भाई पर्वत अहिरवार एवं उसका पुत्र महेन्द्र रंजिश मानता था, जिस कारण उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने शीतल की तहरीर पर आरोपी महेन्द्र के विरूद्ध धारा 323, 324, 504, 506, 302 के तहत मामला दर्ज किया था। तत्कालीन थानाध्यक्ष हरीशंकर चन्द्र ने विवेचना के बाद चार्जशीट तैयार कर इस मामले को न्यायालय में सौंप दिया था। मंगलवार को हुयी सुनवायी के दौरान पेश किये गये गवाहों, साक्ष्यों एवं मेडीकल रिपोर्ट के आधार पर न्यायाधीश सुनील कुुमार सिंह ने आरोपी को हत्या का दोषी पाया। न्यायाधीश ने मुलजिम महेन्द्र अहिरवार को हत्या के मामले में आजीवन कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी। पुलिस ने मुलजिम को हिरासत में लेकर जिला जेल भेज दिया। हत्यारोपी को सजा दिलाने में पैरोकार जन्मेजय सिंह एवं महिला कांस्टेबल मोहिनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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