सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरधा में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरायी, मरीज हो रहे परेशान

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरधा की स्वास्थ्य व्यवस्थायें पूरी तरह चरमरायी हुयी हैं, जिस कारण ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालात यह है कि 24 घण्टे मरीजों को स्वास्थ्य सुविधायें दिलाने के लिये शासन द्वारा हर पहल की जा रही है, लेकिन यहां आने वाले मरीजों को देखने के लिये स्टाफ नदारद रहता है। जिस कारण मरीज उपचार के लिये जिला मुख्यालय भागने को मजबूर हो रहे हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरधा के कारनामे आये दिन चर्चाओं में रहते हैं। कभी इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को होने वाली परेशानी, कभी बिजली न होने, तो कभी मरीजों के पहुंचने पर स्टाफ का सोता मिलना आम बात हो चुकी है। लगातार शिकायतें की जाती हैं। इसके बाद भी व्यवस्थायें सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। विकासखण्ड बिरधा में अनेक गाँव के लोग उपचार के लिये आते हैं, लेकिन व्यवस्थायें न होने से उन्हें काफी परेशान होना पडता है। यह हालात वर्षों से चले आ रहे हैं।
गन्दगी का लगा अंबार
चिकित्सालय की साफ सफाई व्यवस्था दुरूस्त कराने के लिये पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मी तैनात होने के बाद भी जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुये हैं। इमरजेंसी से लेकर वार्ड में गंदगी व्याप्त है। जगह-जगह जानवर विचरण करते नजर आते हैं, जिस कारण यहां आने वाले मरीज परेशान होते हैं।
चिकित्सालय परिसर में जब मंगलवार की सुबह 9 बजे मरीज पहुंचे और उन्होंने समय देखा तो वहां पर लगी घड़ी में पौने 1 बज रहे थे। इससे साबित होता है कि यहां पर तैनात चिकित्सक एवं स्टाफ अपने कर्तव्यों के प्रति कितने मुस्तैद हैं। लोगों ने बताया कि यह घडी काफी समय से खराब पड़ी हैं, लेकिन स्टाफ द्वारा सैल भी बदलना मुनासिब नहीं समझा गया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरधा में मंगलवार को जब मरीज उपचार कराने पहुंचे तो पाया गया कि सुबह 9 बजे तक चिकित्सकों के अलावा स्टाफ नदारद था। जिस कारण मरीजों को काफी परेशान होना पडा।