दलित परिवार के 40 सदस्यों पर टूटा ऐसा पहाड़ की वह घर के रहे न घाट के अधिकारी भी पीड़ितों को ऑफिस ऑफिस खेलने पर कर रहे मजबूर

ललितपुर में एक दलित परिवार पर प्रशासन ने ऐसा जुल्म किया कि परिवार के 40 सदस्य न घर के रहे और न घाट के,घर में बेटियों की शादी बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ खाने पीने के भी लाले पड़ गए,परिवार के सभी सदस्य सड़क पर आ गए और अब गांव में दूसरों के खेतों में मजदूरी कर घर का दो टाइम का खाना मात्र खा रहे है।
दरअसल जिस दलित परिवार की हम बात कर रहे है वह मजदूर नहीं बल्कि अपने खेतों और अपनी खुद की फसल के मालिक हुआ करते थे,लेकिन बर्ष 2016 में निर्माणाधीन बांध कचनौदा कला के डूब क्षेत्र में इनका गांव आ गया जिसके बाद सिंचाई विभाग ने गांव की जमीनों का अधिग्रहण कर लिया और जमीन का मुआवजा देकर गांव खाली करा लिया जिसके बाद गांव के लोगों ने दूसरे गांवों और शहर में मुआवजे से मिली रकम से अपनी जमीनें खरीद ली या रोजगार के साधन बना लिए।
उन्हीं लोगों में शामिल कचनौदा कला गांव के रहने वाले बबलू,राजकुमारी,सुदामा देवी,कमला ने एक परिवार के इस दलित परिवार ने भी सिंचाई विभाग से मिले मुआवजे की रकम से विकास खंड बिरधा के कल्याणपुरा गांव में 6 एकड़ जमीन खरीदी और उस जमीन पर खेती बाड़ी कर अपने परिवार का भरण पोषण शुरू कर दिया,लगभग 10 वर्षों बाद जिला प्रशाशन ने इस दलित परिवार की पूरी की पूरी 6 एकड़ भूमि को गउचर की भूमि बताकर अधिग्रहण कर,जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से दलित परिवार अर्श से फर्स पर आ गया,अब पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है।
पीड़ित परिवार के सदस्यों का कहना है कि उन्होंने बाकायदा इस जमीन की रजिस्ट्री कराई थी,लेखपाल ने नाप जोखकर उन्हें यही जमीन पर कब्जा दिलाया था,विक्रेता को पूरे रुपए दिए गए थे,लेकिन 10 साल बाद प्रशासन ने एक दिन में ही इसे गौचर की जमीन बताकर अधिग्रहण कर लिया है जिससे न वह घर के रहे और न घाट,घर में 40 सदस्यों का परिवार है शादी के लिए जबान बेटियां है,छोटे छोटे बच्चे है अब ऐसी हालत में वह क्या करें,केबल आत्महत्या के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है। वही अधिकारी भी कभी लेखपाल तो लेखपाल अधिकारियों के पास भेज भेज कर ऑफिस ऑफिस खेल रहे है।
वहीं जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी का कहना है जिस भूमि सांख्य को यह लोग अपना बता रहे है दरअसल वह गौचर की भूमि है शासन के निर्देश के बाद लगभग 30 एकड़ भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है,पीड़ित परिवार का मामला संज्ञान में आया है,पीड़ितों की समस्या का निस्तारण करने का प्रयास किया जाएगा है।