एलयूसीसी के निवेशकों ने सीबीआई जांच की उठायी मांग

जमा की गयी धनराशि को वापस दिलाये जाने के लिए महामहिम राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
ललितपुर। द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एण्ड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसायटी (एलयूसीसी) में जीवन भर की कमाई का निवेश करने के बाद निवेशकों के हाथ निराशा लगी। अब चूंकि एलयूसीसी के कारिंदे जेल में निरूद्ध हैं और करोड़ों रुपये डकारने वाली कम्पनी के सभी कार्यालय बंद हैं। ऐसे में निवेशकों को उनकी मेहनत की कमाई, जो कि उन्होंने एलयूसीसी में निवेश की थी, उसे वापस दिलाने की जद्दोजहद करनी पड़ रही है। बुधवार को निवेशकों ने भारी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंच कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान निवेशकों ने देश की महामहिम राष्ट्रपति के अलावा केन्द्र व प्रदेश और जिला प्रशासन से जमा की गयी रकम को वापस दिलाये जाने व सीबीआई जांच की गुहार लगायी है। ज्ञापन में निवेशकों ने बताया कि आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लोगों ने थोड़ा-थोड़ा करके धनराशि जमा की थी। जिससे लोगों को उम्मीद थी कि भविष्य में बच्चों की शिक्षा और विवाह जैसे कार्यों के लिए जमा किया जा रहा धन लाभकारी होगा। लेकिन एलयूसीसी के मुख्य सरगना समीर अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, मानवेन्द्र द्विवेदी, जितेन्द्र सिंह निरंजन, रविशंकर तिवारी, आलोक कुमार जैन, सुरेन्द्र पाल सिंह, द्वारिका प्रसाद, भरत वर्मा, अनुराग बंसल, शबाब रिजवी व उनके साथियों ने पांच साल में रुपये दोगुने करने का झांसा देकर लोगों की जमा धनराशि को हड़प कर लिया और अब निवेशकों के रुपये डूबने की कगार पर हैं। बताया कि करीब 16 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि लेकर उक्त सभी कार्यालय बंद हैं। हालांकि एलयूसीसी प्रकरण में ललितपुर पुलिस ने कम्पनी से जुड़े बड़े-बड़े लोगों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें पकड़कर जेल भेजने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन अब निवेशकों की जमा धनराशि वापस दिलाये जाने की मांग जोर पकड़ रही है। ज्ञापन देते समय शारदा, बृजेश साहू, रघुवीर, बृजेन्द्र झां, संजय कुमार, कुंवरबाई, मीरा, प्रभा, गजेन्द्र सिंह, केशकली, सुनील, सतीश कुमार, चन्दन सिंह, मोहन, भागचंद, रमेश कुमार, हरपाल, सुरेश कुमार, आनंद कुमार, शिवा कुशवाहा, रामकिशन, सोबरन सिंह, नगमा बेगम, मु.समीर, मु.इरशाद, अब्दुल वसीम, शिवकुंवर, जसोदा, सुनील कुमार, संतोष कुमार, दीपक भास्कर, विशाल कुमार, विनोद कुमार, महेन्द्र, आजाद, सरोज, इमरत, प्रभात, रामकिशन, कैलाश नारायण, राजपाल, मुरलीधर, भजनलाल के अलावा अनेकों लोग मौजूद रहे।