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डेसिबल मीटर से प्रेशर हॉर्न/अवैध हूटर्स पर कसा यातायात पुलिस ने शिकंजा

 

लोगों को जागरूक भी किया और कार्यवाही भी की

ललितपुर। जिले में यातायात माह नवम्बर के चौथे दिन मंगलवार को डीएम सत्य प्रकाश, एसपी मो.मुश्ताक के संयुक्त निर्देश, एएसपी कालू सिंह व सीओ यातायात राजेश कुमार श्रीवास्तव के निकट पर्यवेक्षण में शहर भर में प्रेशर हॉर्न और अवैध हूटरों के खिलाफ सख्ती से अभियान चलाया गया। इस दौरान यातायात प्रभारी आलोक कुमार तिवारी ने अपने साथ टीएसआई अब्दुल नफीस, टीएसआई साकेब हाशमी के साथ शहर के विभिन्न चौराहों पर जांच करते हुये ऐसे वाहनों को चिह्नित कर लोगों को जागरूक भी किया और कार्यवाही भी की।

यातायात पुलिस ने प्रेशर हॉर्न और अवैध हूटर्स के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए डेसिबल मीटर का उपयोग करके ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अभियान चलाया है। इसका उल्लंघन करने वाले वाहनों पर जुर्माना लगाया जा रहा है और उन्हें भारी जुर्माने के साथ-साथ हॉर्न को मौके पर ही जब्त किया जा सकता है। मोटर वाहन अधिनियम, 2019 के तहत प्रेशर हॉर्न लगाना गैरकानूनी है और इसके लिए भारी जुर्माना हो सकता है। डेसिबल मीटर का उपयोग: पुलिस ध्वनि स्तर मापने के लिए डेसिबल मीटर का उपयोग कर रही है। जुर्माना, ऐसे वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। हॉर्न जब्त, दोषी वाहनों के हॉर्न को मौके पर ही जब्त किया जा सकता है। मोटर वाहन अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम, 2019 के तहत प्रेशर हॉर्न लगाना एक अपराध है। अन्य दंड, जुर्माना, वाहन जब्ती और कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।

कार्यवाही के पीछे का कारण

ध्वनि प्रदूषण, प्रेशर हॉर्न और अन्य अवैध हूटर्स अत्यधिक शोर उत्पन्न करते हैं जो ध्वनि प्रदूषण का कारण बनता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य पर असर, यह शोर लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और सुनने की क्षमता को भी नुकसान पहुंचा सकता है। अवैध मॉडिफिकेशन, यह एक अवैध मॉडिफिकेशन है जिसे सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा के लिए हानिकारक माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकारों को अनाधिकृत हूटर और स्ट्रोब लाइट पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। यह अभियान ध्वनि प्रदूषण को कम करने और सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।

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