अमझिर नदी के पुर्नजीवित होने से चार गांव की सैकड़ों एकड़ जमीन पर लहलहा रही फसल, पशुओं को पीने के लिए मिला पानी, शेष कार्य के लिए डीएम की पहल
ललितपुर। विकासखण्ड मड़ावरा की प्राकृतिक धरोहरों में से ग्राम पंचायत नाराहट में अमझिर नदी के पुर्नजीवित होने से चार गांव की तकदीर बदल गई है। जहां कई वर्ष पूर्व यहां की जमीन बंजर रहती थी, आज वहां पर पर्याप्त सिंचाई के लिए पानी मिलने से खेतों में फसल लहलहा रही है। निश्चिततौर पर अमझिर नदी को पुर्नजीवन मिलने से क्षेत्र में भूगर्भ जल रिचार्ज में बृद्धि हुई है, तो वहीं कृषकों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में बृद्धि हुई है। इस क्षेत्र के विकास एवं नदी के रख रखाव एवं सौन्दर्यीकरण के लिए जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी द्वारा पहल की जा रही है।
विकासखण्ड मड़ावरा में ग्राम पंचायत नाराहट सिद्ध क्षेत्र अमझरा मंदिर के पीछे इस नदी का उद्गम स्थल है, अमझिर नदी झरने से होते हुए सजनाम नदी पर ग्राम ललितापुर के पास मिलती है, जो दो वर्ष पूर्व लोगों के लिए अंजान बनी हुई थी। तत्कालीन अधिकारी मानवेन्द्र सिंह द्वारा इस नदी को पुर्नजीवित किया गया था। इस नदी क्षेत्र में ग्राम पंचायत नाराहट, गौना, बछरई एवं मकरीपुर गांव शामिल है, जो लगभग 14 किलोमीटर लम्बाई में बहती है। इसके बाद यह सजनाम नदी के भराव क्षेत्र में विलीन हो जाती है। इस नदी को पुर्नजीवित करने के लिए जिला प्रशासन को कड़ी मशक्कत करना पड़ी। जिसमें पाया गया कि चैकडेम अधिक होने के कारण इस नदी में सिल्ट का जमाव होने से इसके जल श्रोत बंद होने से इस नदी ने अपना मूल्य स्वरूप खो दिया था। जिला प्रशासन द्वारा नदी को पुर्नजीवित करने के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया। मनरेगा से कार्य शुरू कराया गया।
गठित टीम द्वारा इस नदी के पुर्नजीवन हेतु ग्राम पंचायतों में स्थलों का चयन करते हुए 2 करोड़ 36 लाख रूपए का प्राकलन तैयार किया गया है, जिसमें नाराहट में 9 किलोमीटर, गौना से हाथीकुण्ड नाला तक 6 किलोमीटर, बछरई क्षेत्र में 2 किलोमीटर एवं मकरीपुर क्षेत्र में 3 किलोमीटर का कार्य कराया गया। अमझिर नदी पर 6 किलोमीटर तक 6 मीटर चौड़ाई एवं 10 मीटर लम्बाई एवं 1 मीटर गहराई का कार्य कराया जाना शेष है, जिसका प्राकलन तैयार हो चुका है।
कार्य होन के बाद किसानों के चेहरे खिले
अमझिर नदी पर काम पूरा होने एवं नदी के पुर्नजीवित होने से 4 ग्राम पंचायतें जिसमें नाराहट, गौना, बछरई एवं मकरीपुर क्षेत्र में लगभग 550 से लेकर 600 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो रही है। इसके अलावा पशुओं को सालभर पानी पीने की सुविधा मिल गई है। इसके अलावा अमझिर नदी के कार्य पूरा होने के बाद लगभग 700 परिवारों को रोजगार मिला है। साथ ही साथ क्षेत्र का जल संरक्षण एवं पर्यावरणीय विकास होने की संभावनाएं रहती है।
यह हुए फायदे
अमझिर नदी के पुर्नजीवित होने भूगर्भ जल रिचार्ज में बृद्धि हुई है। किसानों का आर्थिक एवं सामाजिक विकास हुआ है। इसके अलावा कृषकों की भूमि पर फसलों की उत्पादन क्षमता में बृद्धि हुई है। अब किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए समय से पानी मिल रहा है। साथ ही साथ ग्राम पंचायतों में श्रमिकों को रोजगार मिलने लगा है।
अमझिर नदी के पुर्नजीवित होने से चार ग्राम पंचायतों में किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिलने लगा है। पशुओं को पीने के लिए पानी मिल रहा है। अवशेष कार्य के लिए प्राकलन तैयार कराया जा रहा है, प्राकलन स्वीकृत होने के बाद काम शुरू करा दिया जाएगा। -अक्षय त्रिपाठी, जिलाधिकारी, ललितपुर।