सरकारी अस्पताल की तत्परता से डेढ़ साल का बच्चा डेंगू मुक्त, डॉक्टरों का सम्मान

ललितपुर (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले से एक प्रेरणादायक खबर सामने आई है, जहां जिला अस्पताल के डॉक्टरों की निष्ठा और तत्परता के चलते एक डेढ़ साल के मासूम को डेंगू जैसी गंभीर बीमारी से निजात मिल गई। डॉक्टरों की कड़ी मेहनत और समर्पण से अब यह बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और खतरे से बाहर है। बच्चे के परिजनों ने अस्पताल की इस सेवा भावना का सम्मान करते हुए डॉक्टरों की टीम का धन्यवाद व्यक्त किया।
कुछ दिन पहले डेढ़ साल के इस बच्चे की तबियत बिगड़ने के बाद परिजनों ने उसका परीक्षण कराया, जिसमें डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट आई और प्लेटलेट्स में भारी गिरावट देखने को मिली। पहले, परिवार ने बच्चे को एक निजी नर्सिंग होम में दिखाया, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने इलाज में असमंजस पैदा किया और परिजनों को मिसगाइड किया। इतना ही नहीं, नर्सिंग होम के संचालकों ने परिजनों को डराते हुए बच्चे को झांसी के मेडिकल कॉलेज ले जाने का सुझाव दिया।
परिजन शिक्षित और जागरूक थे, इसलिए उन्होंने निजी अस्पताल के निर्देशों को नजरअंदाज किया और बच्चे को जिला अस्पताल ललितपुर लेकर आए। यहां अस्पताल की डॉक्टरों की टीम ने बच्चे को तुरंत इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया और त्वरित इलाज शुरू कर दिया। एक सप्ताह तक चले इस इलाज के बाद बच्चा अब स्वस्थ है और डेंगू से पूरी तरह से मुक्त हो गया है।
डॉक्टरों की इस निष्ठा और सेवा भावना को देखकर बच्चे के परिजनों और स्थानीय पत्रकारों ने डॉक्टर डी. बी. सिंह निरंजन, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. यूसुफ रिजवान, डॉ. जावेद, और डॉ. जफर तौफीक समेत अस्पताल के सभी स्टाफ का सार्वजनिक रूप से सम्मान किया।
इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारों ने आम जनता को सलाह दी कि गंभीर बीमारियों के लिए सरकारी अस्पतालों पर भरोसा किया जाना चाहिए, क्योंकि यहां योग्य और कर्तव्यनिष्ठ डॉक्टरों की देखरेख में इलाज किया जाता है। इसके विपरीत, निजी नर्सिंग होम्स में अधिकतर मामलों में पैसे की लूट और भ्रमित करने वाली जानकारी के अलावा कुछ हासिल नहीं होता।