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आन बान शान का प्रतीक घंटाघर

आजादी की प्रथम वर्षगांठ पर 15 अगस्त को घंटाघर की रखी गई थी नींव

नगर पालिका परिषद के अध्यक्षों ने भव्यता प्रदान करने में किया था सहयोग ललितपुर। आजादी को यादगार बनाने के लिए आजादी की प्रथम वर्षगांठ पर 15 अगस्त को घंटाघर की नींव रखी गई थी, जिसे पूर्ण होने में दस साल लग गए। तत्कालीन अध्यक्ष डा. शादीलाल दुबे ने वर्ष 1958 में घडिय़ां लगवाकर इसे पूरा कराया था। घंटाघर अब शहर की पहचान बन गया है। घंटाघर की भव्यता हमें गौरवान्वित महसूस करती है। इसके निर्माण में नगर पालिका परिषद के अध्यक्षों ने अहम भूमिका निभाई थी।
आजाद भारत में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बृजनंदन किलेदार को नगर पालिका अध्यक्ष पद संभालने का अवसर मिला। उन्होंने आजादी को यादगार बनाने के लिए शहर के अंदर एक स्मारक बनवाने का निर्माण लिया। आजादी की प्रथम वर्षगांठ 15 अगस्त 1948 को ललितपुर नगर में नगर पालिका परिषद के नेतृत्व में घंटाघर की नींव रखी गयी थी। इसका शुभारभ स्वतंत्रता सेनानी नन्दकिशोर किलेदार ने पहली गैती चला कर किया था। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सुशीला नैय्यर शामिल हुई थी लेकिन बृजनंदन किलेदार के कार्यकाल में घंटाघर का निर्माण पूरा नहीं हो सका। वर्ष 1953 में नगर पालिका अध्यक्ष पद पर स्वतंत्रता सेनानी बृजनन्दन शर्मा पदासीन हुए। उन्होंने अपने कार्यकाल में घंटाघर के ऊपरी हिस्से का कार्य पूरा कराया। बृजनन्दन शर्मा के प्रयास से घंटाघर लगभग तैयार हो गया था, लेकिन घंटाघर पर घड़ी नहीं लग सकी। समाजवादी नेता डा. शादी लाल दुबे ने नगर पालिका अध्यक्ष बने तो उन्होंने अपने कार्यकाल में वर्ष 1958 में घंटाघर पर घडिय़ां लगवाई। इन घडिय़ों की खासबात यह थी कि घड़ी के अक्षर हिंदी में थे। घंटाघर की घड़ी के अक्षर हिंदी में रखने के पीछे मकसद यह था कि आम लोग घड़ी के समय जान सकें। इन घडिय़ों की एक बात खासबात थी कि जब घड़ी बजती थी, तब इसकी आवाज काफी दूर तक सुनाई देती थी। इससे लोगों को दूर रहकर हर घंटे की सूचना समय से मिल जाती थी। उन दिनों काफी पिछड़ापन था, ऐसे में घड़ी होना लोगों के लिए बड़ी बात थी। डॉ. शादी लाल दुबे के ही कार्यकाल में घंटाघर पर गांधीजी की प्रतिमा लगवायी एवं दूसरी दिशा में चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा स्थापित की गई थी। इसका लोकार्पण समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया ने किया था। प्रदेश के तत्कालीन चिकित्सा स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. अरविन्द जैन के कार्यकाल में घंटाघर के चारों ओर जिले के स्वतंत्रता सेनानियों की नाम पट्टिका लगवाई गई थी।
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सुभाष जायसवाल ने लगवाई थी नई घडिय़ां
वर्ष 2012 में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष सुभाष जायसवाल ने नई घडिय़ां लगवाई थी साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों की स्मारिका पट्टिका की सुरक्षा के लिए कांच लगवाए व घंटाघर के चारों ओर आकर्षक रैलिंग लगवाई।
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सरला जैन ने घंटाघर की कराई साज सज्जा
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष सरला जैन ने घंटाघर की रंगाई-पुताई, बिजली उपकरणों से आकर्षक साज सज्जा करवाई।
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सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है घंटाघर
शहर का घंटाघर हमें स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, बलिदान और शौर्य की याद दिलाता है।

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