शहर में धूमधाम से निकली भोले की विदाई यात्रा

सिर पर पार्थिव शिवलिंग लेकर चल रहीं मातायें-बहिनें बिखेर रहीं थीं अद्भुत छटा
उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के कई गांव से आई भजन मंडली रही आकृषण का केन्द्र, जगह जगह हुआ स्वागत
ललितपुर। सवा पांच करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण आयोजन में रविवार को भोले की विदाई यात्रा शहर में निकली। विदाई यात्रा श्री सिद्धपीठ चंडी मंदिर धाम से प्रारंभ हुई। इसके पूर्व श्रद्धाधलुओं द्धारा पार्थिव शिवलिंग का निर्माण व महारूद्राभिषेक किया गया।
महारूद्राभिषेक प्रधान यजमान सवा पांच करोड़ मुख्य यजमान हरिशंकर साहू ने किया। कार्यक्रम के समापन पर देश के विभिन्न राज्यों से आये महामंडलेश्वर श्याम चौतन्यपुरी, महामंडलेश्वर शिवस्वरूपानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी शैलाषानंदपूरी जी महाराज, महंत रामेश्वरदास त्यागी जी महाराज, महंत हरीषपूरी जी महाराज, जगतगुरू डा. कृष्णगिरी जी महाराज, जयकिशन जी महाराज, राधारमणदास त्यागी जी महाराज, देवी श्ेवताम्बरा, देवी पूजा आदि संतगण उपस्थित रहे।
अपरान्ह 3 बजे भोले की विदाई यात्रा का प्रारंभ वैदिक मंत्रोचार के बीच पूजन के साथ प्रारंभ हुई हुआ। विदाई यात्रा का शुभारंभ अनंतविभूषित चंडीपीठाधीश्वराचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी चन्द्रेश्वर गिरि महाराज ने विधि-विधान से पूजन कर किया। विदाई यात्रा के प्रारंभ में अश्व सवार धर्मध्वज लेकर चल रहें थे। इसके पीछे बैण्ड मधुर भजनों की छटा बिखरते हुए चल रहें थे। मधुर भजनों की धुनों पर भक्तजन जमकर थिरक रहें। ढोल की ढापो से भोले बाबा को अद्वितीय सलामी दी जा रहीं थीं। बुन्देलखण्ड की सैरा पार्टी, ढपला रमतूला, वीरागंना अखाड़ा शोभायात्रा में उत्साह के रंग भर रहें थें। भोले को विदाई देने के लिए माता-बहनें थाली में भगवान के पार्थिव स्वरूप को लेकर चल रहीं थीं। इसके पीछे बग्घी में सवार चंडीपीठाधीश्वराचार्य स्वामी चन्द्रेश्वर गिरि जी महाराज भक्तों, श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दे रहें। समस्त महामंडलेश्वर धर्मरथ पर सवार थे। भोले की विदाई यात्रा चंडी मंदिर धाम से प्रारंभ होकर स्टेशन, कृष्णा टॉकीज, वर्णी चौराहा, तुवन चौराहा, सदर कांटा, घंटाघर, सावरकर चौक होते हुए सुम्मेरा तालाब पर समाप्त हुई। जहां भगवान भोलेनाथ की महाआरती के पश्चात उन्हें विदाई(विसर्जन) किया गया। अनंतश्रीविभूषित महामंडलेश्वर चंडीपीठाधीश्वराचार्य स्वामी चन्द्रेश्वर गिरि महाराज ने कहाकि आज सनातन धर्म को एक सूत्र में पिरोने के लिए सत्संग अति आवश्यक हैं। ऐसे धार्मिक व सत्संग के आयोजन से हम अपनी परम्पराओं व रीति-रिवाज से परिचय होते हैं। हमारी सोच सकारात्मक होतीं हैं। हमारी युवा पीढ़ी संस्कारवान होतीं हैं। सकारात्मक सोच व संस्कारों से राष्ट्र, समाज एवं व्यक्ति का उत्थान होता हैं। अत: सत्संग का आयोजन सर्वथा श्रेयष्कर हैं। इस दौरान राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ, पार्षद एड. मनमोहन चौबे, राजनारायण पुरोहित, सरदार बी के सिंह, अवध बिहारी उपाध्याय, गन्धर्व सिंह, राजीव बबेले, बॉबी राजा, गजेन्द्र राजा बुन्देला, भरत यादव, अनूप मोदी, राहुल शुक्ला अश्वनी पुरोहित, गौरव जैन मोबाइल, रामगोपाल नामदेव, संजीव उपाध्याय, मनीष अग्रवाल, रामकृपाल गुप्ता, महादेव श्रीवास्तव धर्मेन्द्र रावत, प्रकाश नारायण श्रीवास्तव,शांतनु पुरोहित,लखन यादव, दिनेश पाठक, गिरीश शर्मा, शत्रुधन यादव, संतोष साहू, प्रदीप शर्मा, लक्ष्मीनारायण साहू, राजेश साहू, अशोक रिछारिया, रामकृष्ण पुजारी, सुनील शर्मा, संतोष सोनी, रामकुमार नायक, गिन्नी राजा, हरिओम कुशवाहा, दीपक पाराशर, चिकलेश मिश्रा, अमित संज्ञा, विभांशु तिवारी, प्रमोद कौशिक , राजू विश्वकर्मा, महेन्द्र साहू आदि उपस्थित रहे।
सवां पांच करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण आयोजन की विदाई यात्रा में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के दर्जनों गांव से आई प्रभात फेरी भजन मंडली आकर्षण का केन्द्र रही। दर्जनों ग्रामों की 125 मंडली हजारों श्रद्धालुओं के साथ भोले की विदाई यात्रा में सम्मिलित हुई। जिसका जगह-जगह स्वागत किया गया।