कन्या पूजन से टल जाते हैं बड़े से बड़े संकट : आचार्य विशोकानंद भारती

ललितपुर। सिद्व पीठ चंडी मंदिर स्थित मंगल भवन में आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरुश्री विशोकानंद भारती ने अपनी कथा के दौरान बताया कि शक्ति की आराधना देवताओं को भी करनी पड़ती है। हमें यदि विद्या की आवश्यकता है तो सरस्वती शक्ति की आवश्यकता है तो दुर्गा और और धन की आवश्यकता है तो लक्ष्मी की पूजा के विधान शास्त्रों में बताए गए हैं। अतएव इस संसार में वंचित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें शक्ति की आराधना की शरण में ही जाना पडेगा। आदि शक्ति के पूजन के महात्मय को बताते हुए उन्होंने नवदुर्गा में कन्या पूजन की महत्वता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन से बड़े से बड़ी कष्ट टल जाते हैं और इस कालिकाल में समाज में व्याप्त बहुत सी बुराइयों को केवल कन्या पूजन के द्वारा दूर किया जा सकता है। अपनी कथा के दौरान उन्होंने महिषासुर की कथा का वर्णन किया। यह राक्षस रंभा और एक भैंस (महिषी) के मिलन से पैदा हुआ था और इस प्रकार वह आधा मनुष्य और आधा भैंसा था। महिषासुर ब्रह्म ऋषि कश्यप और धनु का पोता था। शक्तिशाली राक्षस अग्नि देव से मिले वरदान के परिणाम स्वरूप और अधिक शक्तिशाली हो गया था, जिसके अनुसार उसे केवल एक महिला द्वारा ही मारा जा सकता था। उसने स्वर्ग से सभी देवताओं को भगाकर वहां तबाही मचा दी तथा देवताओं की समस्या को हल करने के लिए आदि शक्ति को अवतार लेना पड़ा और महिषासुर राक्षस से मुक्ति दिलाने के बाद ही देवताओं ने उनकी स्तुति की जिसे महिषासुर मर्दानी नमक स्रोत से जाना जाता है। इस स्तोत्र का शुद्ध और सटीक वचन आज भी मनचाहा फल देने वाला है। कथा के दौरान मुख्य यजमान शिक्षक विधायक प्रतिनिधि केदारनाथ तिवारी, इंदिरा तिवारी, महामंडलेश्वर चंदेश्वर गिरी, विनोद खरे, गिरजा शंकर दुबे, जयशंकर प्रसाद द्विवेदी, मनोज रिछारिया, आलोक स्वामी, जयकुमार तिवारी, सुशील रावत, मनोहर नामदेव, देवेंद्र तिवारी, सुनील कौशिक, अक्षय बोहरे, सुरेश तिवारी, नरेश स्वामी, अवध बिहारी उपाध्याय, डा.हेमंत तिवारी, बाबा हीरानंद गिरी, अश्वनी गोलू पुरोहित, दिनेश पाठक, संतोष साहू, लक्ष्मीनारायण साहू, कुंजबिहारी उपाध्याय, अनूप मोदी, अभिषेक शर्मा, गिरीश शर्मा, राहुल शुक्ला, लखन यादव एड., शत्रुघन यादव, राजू जांगिड़, मनीष झा, प्रेम लालवानी, बुलेट राजा, प्रदीप सरवैया, हरपाल सिंह चंदेल, अनंत तिवारी सहित सैकड़ो की संख्या में धर्म प्रेमी बंधु उपस्थित रहे।