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तीन वर्ष में हुई हदबंदी के रिकार्ड को डीएम ने किया तलब किसानों की जमींनों जबरन कब्जा करने के मामलों का लिया संज्ञान

ललितपुर। किसानों की जमींन की हदबंदी होने के बाद भी दबंगों द्वारा किसानों की जमींन पर की गई, पत्थर गड्ढी को उखाडक़र जमींन पर कब्जा कर लेने एवं ऐसे मामलों पर तहसील स्तरीय अधिकारियों द्वारा पहल न करने वाले मामलों को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। बुधवार को डीएम अक्षय त्रिपाठी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को विगत तीन वर्षो में किए गए हदबंदियों, पत्थर गड्ढी करने के अलावा किसानों को कब्जा दिलाए जाने के साथ हदबंदी वाली जमींन पर दबंगों द्वारा कब्जा कर लेने की सूचनाएं एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि विगत तीन वर्षो में अवैध कब्जा कर लेने वाले कितने मामले दर्ज कर कितने लोगों पर एफआईआर दर्ज करायी गयी है। इसकी भी सूचना दी जाए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
किसानों द्वारा अपनी जमींन पर कब्जा करने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया जाता है। जिलाधिकारी द्वारा संबंधित तहसील में हदबंदी कराए जाने के निर्देश दिए जाते हैं, संबंधित उप जिलाधिकारी द्वारा हदबंदी की कार्रवाई अमल मे लायी जाती है, तहसीलदार के निर्देशन में लेखपाल व कानूनगो किसानों के खेत पर जाकर जमींन की पैमाइस कर जमींन की हदबंदी कराते हैं, इस दौरान राजस्व विभाग की टीम द्वारा किसानों की जमींन पर पत्थरगड्ढी की कार्रवाई की जाती है, इस कार्रवाई के बाद किसान को जमींन पर कब्जा मिल जाता है, अधिकांश देखा गया है कि गांव के दबंगों द्वारा किसानों की हदबंदी की गई जमींन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया जाता है। उनके द्वारा पत्थर गड्ढी को उखाडक़र कब्जा कर लिया जाता है, इस तरह के मामले प्रतिदिन जिलाधिकारी के संज्ञान में आ रहे थे, जिसको गंभीरता से लेकर डीएम द्वारा यह कार्रवाई अमल में लायी गयी है।

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