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दस्तावेज जमा करने की एवज में लेखपाल द्वारा वसूली जा रही धनराशि, किसानों ने सौंपा ज्ञापन

कार्यप्रणाली के चलते जिला प्रशासन ने लेखपाल को किया निलंबित
ललितपुर। भारी बारिश से नष्ट हुई किसानों की खरीफ फसल का मुआवजा दिलाने लिए जिला प्रशासन द्वारा पहल की गई है, लेकिन प्रशासन के अरमानों पर लेखपाल पानी फेरने में लगे हुए है। किसानों द्वारा की गई शिकायतों को लेकर जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने दो लेखपालों को निलंबित कर समस्त लेखपालों को निर्देश दिये है कि किसानों को किसी भी हाल में परेशान न किया जाये, लेकिन लेखपाल बाज नहीं आ रहे है। सोमवार को विकासखण्ड बिरधा की ग्राम पंचायत भैलवारा के किसानों ने जिला मुख्यालय आकर क्षेत्र में तैनात महिला लेखपाल पर अनेक गंभीर आरोप एवं अवैध धनराशि लेने के आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रशासन ने प्रथम दृष्टता लेखपाल की कार्य प्रणाली को लेकर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
ग्राम पंचायत मैलवारा के किसानों ने जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन देकर बताया कि अतिवृष्टि से किसानों की खरीफ की फसलें नष्ट हो गई थी, नष्ट हुई फसलों का मुआवजा दिलाने के लिए लेखपालों के पास दस्तावेज जमा किये जा रहे है। आरोप है कि किसानों द्वारा दस्तावेज जमा करते समय यहां की लेखपाल द्वारा अवैध रूप से धन की मांग की जा रही है, जो किसान रूपए देने से मना करते है, उनके दस्तावेज जमा नहीं किये गये है, लेखपाल द्वारा गांव में अपने चहेते प्राइवेट लडक़ों को फैलाकर दस्तावेज जमा कराने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। किसानों का आरोप है कि लेखपाल द्वारा प्रति किसान 500-500 रूपए लिये जा रहे है। ऐसे अनेक किसान है, जो लेखपाल के भुक्त भोगी है। किसान कई दिनों से लेखपाल के चक्कर लगा रहे है, लेकिन बिना रूपए लिये बगैर कोई काम नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने उक्त लेखपाल पर कड़ी कार्रवाई किये जाने एवं स्थानांतरण की मांग की है। ज्ञापन पर जगरोपन, कल्लू, श्रीपत, नीरज, जितेन्द्र, दीपक, तुलसीराम, चुन्नीलाल, अलीम, रमेश, अजय, नारायन, जगन, राजाराम समेत अनेक किसानों के हस्ताक्षर है।

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