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मिट्टी डालकर तैयार हो रहा विमान का रास्ता छह साल से शहजाद नदी का क्षतिग्रस्त पड़ा पुल

ललितपुर। बुंदेलखंड के ख्यातिप्राप्त जल विहार के आयोजन में आ रही बाधाओं को दूर करने की कवायद की जा रही है।
खासतौर पर पुराना रजवारा रोड स्थित शहजाद नदी के क्षतिग्रस्त पुल पर मिट्टी डाली जा रही है। इससे पंचमुखी मंदिर व वनखंडी मंदिर के विमानों के जल विहार में शामिल होने की संभावना बढ़ गई है।
ब्रिटिश सरकार ने शहर के पुराना रजवारा रोड स्थित शहजाद नदी पर पुल का निर्माण कराया गया था। इस पुल का वर्षों तक विभिन्न विभागों ने रखरखाव किया। वर्तमान में इस पुल को बनवाने की जिम्मेवारी कोई लेने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि बीते 2019 में गोविंद सागर बांध के साइफन खुले थे, तब शहजाद नदी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इस दौरान पंचमुखी मंदिर के विमान शहजाद नदी के क्षतिग्रस्त पुल से निकालने के लिए बजरंग दल के सदस्यों का सहयोग लिया गया था। इसके अगले वर्ष से क्षतिग्रस्त पुल पर मिट्टी डालकर कामचलाऊ रास्ता तैयार किया जाता रहा है, ताकि विमान जल विहार के लिए निकल सके। लेकिन इस बार कोई भी विभाग पुल पर कामचलाऊ रास्ता बनाने के लिए तैयार नहीं था। इस समाचार को पीताम्बरा टुडे ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने इसका संज्ञान लेकर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को पुल पर मिट्टी डलवाने के निर्देश दिए। इसके बाद नगर पालिका के अधिकारी, कर्मचारी हरकत में आए और उन्होंने क्षतिग्रस्त पुल पर मिट्टी डलवाने का काम शुरू किया। देर शाम तक यहां मिट्टी डालने का काम चलता रहा। वहीं, नगर पालिका परिषद के अधिकारियों का कहना है कि विमानों को सुगमता से निकालने का रास्ता शनिवार को बनकर तैयार हो जाएगा। पुराना रजवारा रोड स्थित शहजाद नदी का पुल आधा दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ता है। इनमें प्रमुख रूप से ग्राम पनारी, रजवारा, बिरारी, कल्याणपुरा आदि गांव शामिल हैं। कई लोग इसे शार्टकट रास्ते के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं।
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जुलूस मार्ग के नहीं भरे जा सके गड्ढे
जुलूस मार्ग अब तक तैयार नहीं हो सका है। शुक्रवार को जुलूस मार्ग पर जगह-जगह छोटे-बड़े गड्ढे नजर आए। हालांकि, पीडब्ल्यूडी विभाग ने घंटाघर से लेकर सावरकरचौक तक गड्ढे भरने का काम शुरू कर दिया है। हालांकि, नगर पालिका परिषद इस मामले में पिछड़ता नजर आ रहा है। मोहल्ला तालाबपुरा में जगह-जगह सडक़ पर छोटे-बड़े गड्ढे देखे जा सकते हैं।

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