पर्लवाइन इण्टरनेशनल डिजिटल बैंक नाम की कम्पनी बनाकर धोखाधड़ी, पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाली महिला को लिया हिरासत में

ललितपुर। बुन्देलखण्ड के पिछड़े जनपद ललितपुर में युवाओं को नौकरी दिलाने या फिर कम समय में दोगुनी या उससे अधिक रकम करने के नाम धोखाधड़ी करने वालों पर इस समय पुलिस की नजर टेढ़ी है। विगत दिनों चिट्फण्ड कम्पनी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के आधा दर्जन से अधिक महारथियों को पुलिस ने सीखचों के पीछे धकेलने का सराहनीय कार्य किया था तो वहीं अब पर्लवाइन इण्टरनेशनल डिजिटल बैंक नाम की कम्पनी बनाकर धोखाधड़ी करने वाली महिला को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक मो.मुश्ताक के निर्देशन, एएसपी अनिल कुमार एवं क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय के पर्यवेक्षण में कोतवाली में तैनात उप निरीक्षक रोहित सिंह व महिला कां.गोमती ने दर्ज एफआईआर 111, 318, 336(3), 340(2), 61 बीएनएस में वांछित महिला को हिरासत में लिया है।
यह दर्ज कराया गया था मामला
देवगढ़ रोड नेहरू नगर निवासी गुलाब सिंह पुत्र सुख सिंह ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि कस्बा जखौरा व हाल पुरानी पुलिस चौकी वाली गली गांधीनगर निवासी आशा जैन पत्नी अरविन्द जैन ने धोखाधडी करके पर्लबाईन इन्टर नेशनल डिजिटल बैंक में 2250/- रुपये जमा करवाकर 05 वर्ष बाद कुल 08 किस्तों में करीब 32 लाख रूपये देने का वादा करके धनराशि देने में टाला मटोली कर पैसे हड़पने का आरोप लगाया था। पुलिस ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर आशा जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। इसके बाद अब पुलिस ने महिला को हिरासत में लिया है।
महिला ने बताया पूरा माजरा
आशा जैन ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह कम समय में लोगों को अधिक रुपया कमाने का प्रलोभन देकर संगठित गिरोह बनाकर पर्लवाइन इण्टरनेशनल डिजिटल बैंक के नाम पर कम्पनी बनाकर कार्य करती थी। बताया कि लोगों को लुभावनी स्कीम के बारे में बताते हुये सोशल मीडिया पर कम्पनी के बारे में प्रचार प्रसार करते थे, जिससे कि अधिक से अधिक संख्या में लोग हमारी कम्पनी से जुड़ सकें। लोगों को विश्वास दिलाने के लिए अपनी-अपनी आईडी जनरेट की थी। बताया कि योजनाबद्ध तरीके से लोगों को गुमराह कर 2250 रुपये की धनराशि जमा कराने पर आईडी नं. देते थे और 05 वर्ष बाद 08 किश्तों में कुल करीब 32 लाख रुपये देने का वादा करते थे।
क्या था अपग्रेड और प्वाइंट का खेल
आशा जैन ने बताया कि लोगों ने 08 अपग्रेड प्लान भी बना रखे थे, जिसमें पहला प्लान पर्ल है जिसमें 2250 रुपये देने पर 30 प्वाइंट मिलते थे, दूसरा अपग्रेड प्लान कोरल है जिसमें 3750 रुपये जमा कराकर 60 प्वाइंट मिलते थे इसी प्रकार क्रमश: ओनैक्स, क्वार्ज, एमथ्रिस्ट व आठवा अपग्रेड प्लान रूबी था। लोगों से पैसा जमा कराने के बाद पर्लवाइन ऐप उपलब्ध कराते थे, जिसमें आईडी नं. डालने पर निवेशकों के प्वाइंट प्रदर्शित होते थे। इस प्रक्रिया में समय की कोई बाध्यता नहीं रखी गयी थी। हम लोग केवल नेटवर्किग के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर धन अर्जित करते थे।
पासवर्ड डालने से खुल जाती थी आईडी
निवेशकर्ता की जनरेट की हुयी आईडी उसी के मोबाईल फोन में पासवर्ड डालने पर ओपेन होती थी। हम लोगों द्वारा ही गुलाब सिंह व अन्य लोगों से रुपये जमा कराकर उनकी आईडी जनरेट करायी थी। हम लोगों द्वारा अर्जित धन का निवेश अलग-अलग जगह पर किया गया है। हम लोग अर्जित धन को अपने ऐशो-आराम व अन्य आवश्यक जरुरतों में खर्च करते हैं।